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बुरे समय में कौन साथ देता है

 बुरे समय में कौन साथ देता है

बुरे समय में कौन साथ देता हैआज मैं जो बातें आप सभी को बताने जा रहीं हूँ, अगर आप इसे गंभीरता से विचार करे तो आपको सौ प्रतिशत सही मालूम पड़ेगा।कोई भी व्यक्ति अगर कुछ साझा करता है तो आप यह निश्चित ही माने कि या तो वह खुद उस दौर से गुजरा होता  है या कहीं वह व्यक्ति अपनी आखों से दृश्य देखा होता है।

अब आइए जानते हैं  जीवन की सच्चाई।मित्रों जब व्यक्ति का संघर्ष का दौर चलता है, तब उस वक्त  कोई मित्र नहीं होता। उस व्यक्ति का कोई रिश्तेदार नहीं होता और नाही कोई प्रेमी होता है।   

 संघर्ष वह दौर है जिसमें हर कोई साथ छोड़ देता है। यहां तक कि कभी कभी ऐसा लगता है कि अपना साया भी साथ छोड़ देती है। परन्तु जब व्यक्ति सक्सेसफुल हो जाता है तब सभी शुभ चिन्तक हो जाते है ।

ऐसा व्यवहार करते  हैं मानो इन सभी से अच्छा मेरा कोई शुभ चिन्तक हो ही नहीं सकता। मित्रों जिसका दिल उसके चेहरे से ज्यादा खूबसूरत हो, दुनिया में वही सबसे सुन्दर हैं। हुश्नवाले तो दुनिया में  लाखों की संख्या में हैं।

परन्तु दिल की खुबसूरती कुछ गिने-चुने लोगों के ही पास होती है। जो मंजिलो को पाने की चाहत रखते है, वह समुद्र पर भी पत्थर रखकर पुल बना देते हैं । कुछ देने के लिए बड़ा दिल होना चाहिए हैैसियत नहीं।

 जाने बुरे समय का साथी कौन –

जैसा आप सोचते हैं वैसा वन जायेंगे ।  मन को सदा काबू में रखना चाहिए। अन्यथा मन आपको काबू में कर आप का शत्रु बन जायेगा। ठीक वैसे ही जैसे कोई वाहन जब तक आप के वश में रहता है तब तक आप सुरक्षित हैं।जैसे ही गति बेकाबू होती है , वैसे ही एक्सीडेंट हो जाता है।

फिर क्या से क्या हो जाता है। मित्रों आप का नजरिया ही आपकी जििन्दगी तय करती है। जिसने कभी नया करने की  सोचा ही न हो उससे गलती कैसे होगी। गलती उसी से होती है जो कुछ नया करना  चाहता है।  
जिस पल व्यक्ति यह सोच लेता है कि यह काम मुझसे नहीं होगा उसी समय वह हार जाता है। जीवन में कठिनाईया हमें बर्बाद करने नहीं आती, बल्कि हमारे अंदर की छुपी हुई सामर्थ्य और शक्तियों को बाहर निकालने में हमारी मदद करती हैं।
जीवन में  हमें सफलता अनुभव से प्राप्त होती हैं और यह अनुभव हमें बुरे अनुभव से ही प्राप्त होता है । दुर से हमें आगे से सभी रास्ते बन्द नज़र आते है क्योकि सफलता के रास्ते हमारे लिए तभी खुलते हैं जब हम उसके बिल्कुल करीब पहुंच जाते हैं।
सफलता की खुशी मनाना अच्छा है लेकिन उससे भी जरूरी है अपनी असफलता से सीख लेनासफलता के लिए जरूरी है कि न मैदान छोड़ा जाय, नाही इन्जार किया जाय। जीवन में लगातार चलते रहना ही सफलता है।
किसी डीग्री का ना होना दर असल फायदेमंद है। अगर आप इन्जीनियर या डाक्टर हैं तो एक ही काम कर सकते हैं। लेकिन अगर आपके पास कोई डिग्री नहीं है तो आप कुछ भी कर सकते है। कोई भी काम करने में आप को शर्म नहीं आयेगी। 
अगर आप  सूर्य की तरह चमकना चाहते हैं, तो  सूर्य की तरह जलना सीखें। जीवन हर मोड़ पर धैर्य और आत्मविश्वास बनायें रखें।धैर्य किसी भी परिस्थिति में नहीं छोड़ना चाहिए।  मित्रों यह थी कुछ ग्यान की बातें। जिसे हम अमल कर अपने जीवन को सफल बना सकते है।
दोस्तों, बुरे समय का साथी आपकी बुद्धि और विवेक  है। आपका  अच्छा साथी आप खुद ही हैं।इसीलिए  धैर्य साहस और विवेक से सदैव काम ले।  सफलता निश्चित ही प्राप्त कर सकते है। । 
धन्यवाद दोस्तों ,लेखिका कृष्णावती 

 

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