Bhojpuri-haldi-geet-lyrics

Bhojpuri-haldi-geet-lyrics|शादी में हल्दी गीत का महत्व

 

Bhojpuri-haldi-geet-lyrics – भोजपुरी हल्दी गीत लिरिक्स | शादी–विवाह के पारंपरिक भोजपुरी हल्दी गीत, दुल्हन की रस्म और खुशियों से भरे बोल | शादी की रस्मों में गाए जाने वाले लोकप्रिय भोजपुरी हल्दी गीत के बोल यहाँ पढ़ें।

हल्दी गीत के बोल (Lyrics)

 

1.मुखड़ा-आज सुंदर बाबा अंगानावा बड़ा सुहावन लागे,

सुंदर दुलहा के चढ़ेला हरदिया  मन भावन लागे |

 

अंतरा- बाबा बेसहले हरदिया दादी पिसान लागे ,

सेहो  हरदी दूल्हा के चढ़ाइबो बड़ा पवना लागे|

 

चाचाजी बेसहनी हरदिया  चाची पिसन लागे,

सेहो हरदी दूल्हा के चढ़इबो बड़ा पावन लागे|

 

भैया बेसहलीं हरदिया भाभी पीसन लागे,

सेहो हरदी दूल्हा के चढ़ईबों  बड़ा पावन लागे |

 

2.हरदी ले अइले सुंदर पापा हरदी पिसाइल हे,

उबटन लगवतारी अम्मा संघे पाँच सुहागिन हे |

 

गम गम गमके ली बबुनी हमार हो ,

चम चम चमकेली बडी सुकुमार हो |

 

हरदी चढ़ावेले सुंदर चाचा  हरदी पिसाईल हों ,

उबटन लगावतारी चाची संघे पाँच सुहागिन हो |

 

हरदी चढ़ावेले सुंदर भैया रुपया लुटावेले हो ,

उबटन लगावतारी भाभी संघे पाँच सुहागीन हो |

 

हरदी चढ़ावेले कवन जीजा बगली छुपावेले हो ,

उबटन लगावतारी  दीदी संघे पाँच सुहागिन हो |

 

3.मुखड़ा – हमरो सुंदर पापा बड़ा सुकुमार हे ,

कार चड़ी खोजेले हरदिया के गांठ हे|

हमरो कवनी अम्मा बड़ी सूकवार जी ,

पिसही ना जानेली हरदिया के गांठ जी |

 

हमरो कवन चाचा बड़ी सुकुमार जी ,

कार चढ़ी खोजिले हरदिया के गांठ जी |

हमरो कवन चाहिए बड़ी सुकुमार जी ,

पिसही न जनेली हरदिया के गांठ जी |

 

हमरो कवन भैया बड़ी सुकुमार जी,

कार चढ़ी खोजिले हरदिया के गांठ जी |

हमरो कवानी भाभी अति सुकुवारी जी ,

पिसहीन ना जनेली हरदिया के गाँ जी |

 

हाली आव नाऊनी हरदी सुखाव हे ,,

सेहो हरदी पीसीहे कवन दूल्हा के अम्मा हे |

पहिले हरदिया देवतन के चढ़ाईहे ,

दूसरे सुंदर दूल्हा के उबटन लागिजी |

 

4.पिसहो अम्मा धीरे धीरे हरदी के गांठ हो ,

पिसहो आमा धीरे धीरे ..

पहिले हरदिया अम्मा पंडित जी चढ़ावेले- 2,

पाहीले हरदिया पंडित जी चढ़ावेले |

पीछे से चढ़इह अम्मा पापा जी के साथ हो

पिसह हो आमा धीरे धीरे  हरदी के गांठ हो ….|

 

पहिले हरदिया पंडित जी चढाइले -2

पीछे से चढ़इह चाची  चाचाजी के साथ हो

पिसा हो चाची धीरे धीरे हरदी के गांठ हो ,

पिसा हो चाची धीरे धीरे |

 

पहिले  हरदिया  भैया  पंडित चढ़इहें -2,

पीछे से चढ़इह भाभी भैया के साथ हो |

पिसहो भाभी धीरे धीरे हरदी के गांठ हो

पीस हो भाभी धीरे धीरे …….|

 

पहिले हरदिया पंडितजी चढ़ाईले -2,

पीछे से चढ़इह दीदी जीजा जी के साथ हो |

पिसा हो दीदी धीरे धीरे हरदी के गांठ हो

पीस हो दीदी धीरे धीरे …….|

 

5.खुशियों की छाई है बहार बनो तेरी हाल्दी में-2

आया है सब परिवार बनो तेरी हल्दी में

खुशियों की छाई है बहार बनो तेरी हल्दी में |

 

-पहिले हरदी दादाजी मोलाएँ ,

पीसी के दादी गणपति को चढ़ावें |

पूर्ण होवे सब  काज बनो तेरी हल्दी में …

खुशियों की छाई है बहार बनो तेरी हल्दी में |

 

दूसरी हल्दी पापाजी मोलावें ,

पीसीके अम्मा लक्ष्मी जी को चढ़ावे |

भर गयो सब भंडार ,बनो तेरी हल्दी में ,

खुशियों की छाई है बहार

बनो तेरी हरदी में ……

 

तीसरी हल्दी चाचा जी मोलावें ,

पीसी के चाची सीता मैया को चढ़ावें |

मिल गयो धर्म संस्कार ,बनो तेरी हल्दी में ,

छाई है खुसियों की बहार बनो तेरी हल्दी में ……|

 

चौथी हल्दी भैया मोलावें ,

पीसीके भाभी गौरा मैया को चढ़ावें

हो गयो अमर सुहाग बनो तेरी हल्दी में

छाई है खुशियों की बाहर ,

बनो तेरी हल्दी में …………|

रचना- कृष्णावती कुमारी (टीचर केन्द्रीय विद्यालय )

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शादी में हल्दी गीत का महत्व

 

1. शुभता और मंगलकामना

हल्दी गीत दूल्हा-दुल्हन के जीवन में सुख समृद्धि और खुशियों की कामना के लिए गाए जाते हैं। इन गीतों में आशीर्वाद छिपा होता है।

👪 2. परिवार और रिश्तों का उत्सव

इन गीतों के दौरान पूरा परिवार साथ बैठता है, हँसी-खुशी का माहौल बनता है और रिश्तों में मिठास बढ़ती है।

🎶 3. परंपरा और संस्कृति का संवाहक

हल्दी गीत पीढ़ियों से हमारे रीति-रिवाजों और लोक-संगीत को जीवित रखते हैं। यह हमारी भोजपुरी विरासत की पहचान हैं।

😄 4. खुशी और उत्साह का माहौल

हल्दी गीत समारोह को ऊर्जा, मज़ाक, मस्ती और हँसी से भर देते हैं। इससे पूरा माहौल उत्सव जैसा बन जाता है।

🧿 5. सकारात्मकता और शुद्धि का संकेत

हल्दी को शुद्धता और सौंदर्य का प्रतीक माना जाता है। इसी तरह हल्दी गीत मन में सकारात्मक भाव लाते हैं और माहौल को पवित्र बनाते हैं।

 

✨ निष्कर्ष

भोजपुरी हल्दी गीत सिर्फ गीत नहीं — एक भाव है, एक उत्सव है, और हमारी सांस्कृतिक धरोहर है, जो शादी को और भी खास बना देता है।

 

 

1.भोजपुरी हल्दी गीत क्या होता है?

भोजपुरी हल्दी गीत शादी की हल्दी रस्म के दौरान गाए जाने वाले पारंपरिक लोकगीत होते हैं, जो दुल्हन और दूल्हे की खुशियों, शुभकामनाओं और रीति-रिवाजों को दर्शाते हैं।

2.हल्दी गीत कब गाए जाते हैं?

हल्दी गीत हल्दी की रस्म के समय गाए जाते हैं, जब परिवार और महिलाएँ दूल्हा या दुल्हन को हल्दी लगाती हैं

3.भोजपुरी शादी में हल्दी गीत का महत्व क्या है?

हल्दी गीत शुभता, सौभाग्य और पारिवारिक प्रेम का प्रतीक हैं। ये शादी के माहौल को खुशी, मस्ती और परंपरा से भर देते हैं।

4.क्या हल्दी गीत सिर्फ महिलाएं गाती हैं?

अधिकतर हल्दी गीत महिलाएँ गाती हैं, लेकिन आजकल पुरुष भी परिवार के साथ गाते और वीडियो में शामिल होते हैं।

5.हल्दी गीत में कौन-कौन से वाद्ययंत्र बजाए जाते हैं?

ढोलक, झांझ, मंजीरा और हाथ से ताल बजाकर ये गीत गाए जाते हैं। अक्सर बिना संगीत भी महिलाएँ उत्साह से गाती हैं।

6. क्या भोजपुरी हल्दी गीत आज भी लोकप्रिय हैं?

हाँ, आज भी बहुत लोकप्रिय हैं। गाँव से लेकर शहरों और YouTube-social media तक हल्दी गीत खूब पसंद किए जाते हैं।
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