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Why Do We Celebrate Buddh Purnima?

 Why Do We Celebrate Buddh Purnima|बुद्ध पुर्णिमा क्यों मानते हैं

Why Do We Celebrate Buddh Purnima – महात्मा गौतम बुद्ध जी हिन्दू धर्म के मातानुसार विष्णु भगवान का 9 वा अवतार माने जाते है। भागवान बुद्ध जब मनुष्य जीवन के गतिविधियों से परिचित हुए I यानि कि हिंसा, पाप और मृत्यु से अवगत हुए , तब उन्होंने निर्णय लिया कि इस मोह माया को त्यागना होगा |

उन्होंने आधी रात को परिवार की जिम्मेदारियों से मुक्त होकर सत्य की खोज में निकल पड़े I उन्होंने बौद्ध गया में पीपल के वृक्ष के नीचे कड़ी तपस्या किया|जिसके बाद उन्हें ज्ञान की प्राप्ति हुई I बैशाख पूर्णिमा तिथि का भगवान बुद्ध के जीवन की प्रमुख घटनाओं से अति विशेष सम्बंध है, इसलिए बौद्ध धर्म में प्रति वर्ष बैसाख पूर्णिमा को बुद्ध पूर्णिमा के रूप में मनाया जाता है I

गौतम बुद्ध का जीवन परिचय-

•भगवान बुद्ध का जन्म- इतिहासकारों के अनुसार 563 ईसा पूर्व,बैसाख पूर्णिमा के दिन हुआ था।

•माता -महामाया देवी जबअपने मैके देवदह जा रही थी ,तो कपिलवस्तु और देवदह के बीच रूक्मिनदेई नामक स्थान के बीच लुम्बनी वन था जहां उनका जन्म हुआ।

•पिता- शुद्दोधन कपिलवस्तु के राजा थे जो कि शाक्य वंश के थे।

•जन्म स्थान – नेपाल के लुम्बिनी वन।

•पालन पोषण-  जन्म के सात दिन बाद माता महा माया का देहांत हो गया I उसके बाद उनकी मौसी गौतमी ने पालन पोषण किया I

•विवाह- 16 साल के उम्र में हुई I

•पत्नी का नाम-  यशोधरा I

•पुत्र– राहुल ।

•गृह त्याग के बाद- 29 साल के उम्र में सिद्धार्थ ओनामा नदी के तट पर सिर मुंडन करवाकर भिक्षुओं का वस्त्र धारण कर ज्ञान की खोज मे निकल पड़े I

•तपस्या की अवधि- 6 साल कठोर तपस्या।

• ज्ञान प्राप्ति-  35 वर्ष की आयु में पुनपुन नदी के तट पर पीपल वृक्ष के नीचे बोध गया बिहार में I

• मृत्यु – 483 ईसा पूर्व  80 साल के उम्र में।

Why Do We Celebrate Buddh Purnima

•शिक्षा- 

सिद्धार्थ ने अपने गुरु विश्वामित्र से वेद उपनिषद की भी शिक्षा प्राप्त की। राज काज की भी शिक्षा ग्रहण किया l युद्ध विद्या भी सीखा I कुश्ती घुड़दौड़, तीर – कमान और रथ चलाने भी उनकी कोई बराबरी नहीं कर सकता I लेकिन सिद्दार्थ के हृदय में बचपन से ही करुणा दया भरी थी I उनसे किसी का दुख सहन नहीं होता था I

वह कौन सी चार घटनायें सिद्धार्थ से महात्मा बुद्ध बना दिया?

बुढ़ापा को देखकर

•2 बीमार व्यक्ति को देखकर

 •3 मृत व्यक्ति की आखिरी यात्रा को देखकर।

•4 सन्यासी के मुख मंडल पर तेज और खुशी को देखकर उन्होोंने  सोचा कि सबसे सुखी तो यह संयासी ही दिख रहें हैं और यहीं से उनका हृदय परिवर्तित हो गया और वह संयास की ओर चल पड़़े।

 बौद्ध धर्म कई राष्ट्रों का धर्म है।

जापान, दक्षिण कोरिया,उतर कोरिया,चीन, वियतनाम, ताईवान, थाईलैंड, कमबोडिया, हांगकांग, मंगोलिया,तिब्बत, भूूटा न, मकाउ, बर्मा, लागोस, नेपाल, मलेशिया,इंडोनेशिया,रसिया, संयुक्त राज्य अमेरिका-, फ्रांस, ब्रिटेन, जर्मन, कैनेडा, सिंगापुर, ब्राजील, फिलिस्तीन और श्रीलंका बौद्ध राष्ट हैं ही साथ ही भारत I

• माना जाता है कि कुछ समय बाद उनके पुत्र राहुल और उनकी पत्नी यशोधरा भी बौद्ध भिक्षुक बन गए ।

सम्राट अशोक बौद्ध धर्म के सबसे बड़े अनुयाई थे। 

  धन्यवाद पाठकों

्संग्रह कर्ता   कृष्णावती कुमारी

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