Lakshamiji Ki Aarti Lyrics Hindi | लक्ष्मीजी की आरती लिरिक्स हिन्दी
Lakshamiji Ki Aarti Lyrics Hindi – अक्षय तृतीया हिन्दुओ के लिए शुभ दिन माना जाता है |इस दिन लोग सोना चांदी की खरीददारी करते है |घर में लक्ष्मी जी की पूजा अर्चना करते है |गरीबो व ब्राह्मणों को दान देते है |
ऐसा करने से घर में सुख समृद्धि बढती है| ऐसे में अपने सुख और सम्पति में बरकतके लिए निम्नवत दिए गए मन्त्रों के साथ लक्ष्मीजी की पूजा अर्चना करें | जिससे सदैव आपके घर में लक्ष्मीजी का वास हो |
सुख-सौभाग्य के लिए
1. श्रीं ह्रीं क्लीं ऐं कमलवासिन्यै स्वाहा
ॐ श्रीं ह्रीं क्लीं श्री सिद्ध लक्ष्म्यै नम:
धन और वैभव के लिए
2. या रक्ताम्बुजवासिनी विलासिनी चण्डांशु तेजस्विनी।
या रक्ता रुधिराम्बरा हरिसखी या श्री मनोल्हादिनी॥
या रत्नाकरमन्थनात्प्रगटिता विष्णोस्वया गेहिनी।
सा मां पातु मनोरमा भगवती लक्ष्मीश्च पद्मावती ॥
3. ऊँ श्रींह्रीं श्रीं कमले कमलालये प्रसीद प्रसीद
श्रीं ह्रीं श्रीं ऊँ महालक्ष्मी नम:।
माता लक्ष्मी की आरती अक्षय तृतीय पर करें
महालक्ष्मी नमस्तुभ्यं,नमस्तुभ्यं सुरेश्वरि ।
हरि प्रिये नमस्तुभ्यं,नमस्तुभ्यं दयानिधे ॥
पद्मालये नमस्तुभ्यं,नमस्तुभ्यं च सर्वदे ।
सर्वभूत हितार्थाय,वसु सृष्टिं सदा कुरुं ॥
ॐ जय लक्ष्मी माता,मैया जय लक्ष्मी माता ।
तुमको निसदिन सेवत,हर विष्णु विधाता ॥
उमा, रमा, ब्रम्हाणी,तुम ही जग माता ।
सूर्य चद्रंमा ध्यावत,नारद ऋषि गाता ॥
॥ॐ जय लक्ष्मी माता…॥दुर्गा रुप निरंजनि,
सुख-संपत्ति दाता । जो कोई तुमको ध्याता,
ऋद्धि-सिद्धि धन पाता ॥ ॐ जय लक्ष्मी माता…॥
तुम ही पाताल निवासनी,तुम ही शुभदाता ।
कर्म-प्रभाव-प्रकाशनी,भव निधि की त्राता ॥
ॐ जय लक्ष्मी माता…॥जिस घर तुम रहती हो,
ताँहि में हैं सद्गुण आता ।सब सभंव हो जाता,
मन नहीं घबराता ॥ ॐ जय लक्ष्मी माता…॥
तुम बिन यज्ञ ना होता,वस्त्र न कोई पाता ।
खान पान का वैभव,सब तुमसे आता ॥
परशुराम जी की कहानी
इतना हीं नहीं इस दिन भगवान परशुराम का जन्मदिन माना जाता है| हिंदू पंचांग के अनुसार हर वर्ष वैशाख माह के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को भगवान विष्णु के अवतार परशुरामजी की जयंती मनाई जाती है। अक्षय तृतीया के दिन भगवान परशुराम का जन्म प्रदोष काल में हुआ था|
ऐसे में वैशाख तृतीया तिथि और प्रदोष काल में भगवान परशुराम का जन्मोत्सव मनाया जाता है। अक्षय तृतीया का पर्व हिंदू धर्म में विशेष स्थान रखता है। यह तिथि एक अबूझ मुहूर्त है, जिसमें किसी भी तरह का शुभ और मांगलिक कार्य बिना मुहूर्त का विचार कर किया जा सकता है।
भगवान परशुराम के बारे में सतयुग से लेकर द्वापर युग और कलयुग में अनेक कथाएं मिलती हैं।पुरानों के अनुसार परशुराम जी विष्णु भगवन के अवतार माने जाते है |कलयुग में इनके जो 8 अमर यानि जीवित देवताओं को माना जाता है उसमे परशुराम जी का भी नाम है
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