How To Build Self Confidence|आत्मविश्वाश बढाएं खुशियाँ पाएं
How To Build Self Confidence- ख़ुशी उन्हें मिलती है, जो संतुष्ट होते है |उन्हें नहीं, जो लालची होते हैं और बेचैन होकर इधर उधर घुमते हैं | द्वारा- चाणक्य | अपनी ख़ुशी को जोड़ या गुणा कर बढ़ाना है तो उसे दूसरों से भाग दो|द्वारा -ए. नीलसन
आत्मविश्वाश की कमी से दुःख, परेशानी,असफलता जैसी बाते चारों ओर से घेर लेती है |ऐसे में आप खुद को दूसरों से कम आंकने लगते है |पग- पग पर पोजीशन डगमगाने लगती है |दूसरों पर विश्वास किये बिना आप चल सकते हैं ,पर पर खुद के आत्मविश्वास के बिना काम चलाना मुश्किल है |
जेम्स इलियट -कहते हैं ,आत्मविश्वास से भरा हुवा व्यक्ति जीवन में सबसे ज्यादा खुश रहता है |जिनमें ये कमी रहती है वे छोटी छोटी बातों पर दुखी रहते हैं |आत्म विश्वास को जगाकर भरपूर खुश रहा जा सकता है |
अन्दर के शत्रु को ख़त्म करें
आपके ख़ुशी का सबसे बड़ा शत्रु आपके अन्दर बैठा है,जो आपके आत्मविश्वास को कम करके आपको दुखी रहने के लिए मजबूर करता है |छोटी छोटी असफलताओं के लिए आपको कोसता है |आपको नाकाबिल कहता है ,आपके उत्साह को दुःख में बदल देता है |
ऐसे शत्रु बचपन से हीं कुछ लोगों के अन्दर बैठ जाता है| जिनको आस पास के माहौल और परिवार से सहयोग नहीं मिलता है |इसीलिए आप अपने अन्दर के शत्रु को निकाल फेंके और खुश रहे |
आइना देखें
आत्मविश्वास बढ़ने के लिए रोज आइना देखे और आईने के सामने खड़े होकर अपने आप से रोजाना बात करें |मैं सब कुछ कर सकता हूँ |मुझे किसी भी बात का डर नहीं लगता |
आप प्रतिदिन आईने के सामने खड़े होकर संकल्प लें, कि मैं बहुत अच्छा करके दिखाऊंगा ,कुछ बनकर दिखाऊंगा |जब आप ऐसा करेंगे तो आपके अन्दर आत्म विश्वास का स्तर बढ़ जयेगा |आप खुशियों से सराबोर हो जायेंगे |
खुद पर गर्व करें
जो खुद पर गर्व करते हैं उनके अन्दर गज़ब का आत्म विश्वास होता है |ओंटारियो इन्वर्सिटी की सैकेट्रिस्ट प्रोफ़ेसर मधुमिता गुप्ता का कहना है ,आत्म विश्वास का इस बात से गहरा ताल्लुक है कि आप खुद पर कितना गर्व करते हैं |
खुद को मिसफिट समझने वाला व्यक्ति हीन भावना का शिकार हो जाता है |आप कैसे हैं ये न सोचे |आप अच्छे हैं बहुत अच्छे हैं इस बारे में सोचे |यह सोच आपके अन्दर सकारात्मक बदलाव लायेगा |आपकी जिंदगी उमंगों से भर जाएगी |
सकारत्मक विचार पैदा करें
नकारात्मक विचार से जीवन में खुशियाँ एक-एक कर दूर होती जाती है |यदि आप खुश रहना चाहते हैं तो अपने मन से नकारात्मक सोच को बाहर निकले और मन में सकारात्मकता को लायें |अध्ययनों से पता चला है कि सकारात्मक सोच रखने वाले व्यक्तियों से आत्म विश्वास प्रबल रहता है |
आपके नकारत्मक सोच को खामोश करें | ऐसा बार बार करने से मस्तिष्क पर इसका अच्छा प्रभाव पड़ेगा |आपको तनाव का सामना नहीं करना पड़ेगा |आपकी खुशियाँ फिर से लौट आएँगी |
नकारात्मकता को सकरात्मकता में बदलें
कागज के टुकड़ा लें उस पर दो कोलम बनाएं |एक कोलम में नकारत्मक विचार दुसरे मेंन सकारात्मक विचार को लिखें |जैसे निम्नवत लिखा गया है |
नकारात्मक विचार सकारात्मक विचार
मै तो हार जाऊंगा | मैं हार नहीं सकता |
मैं किसी से जित नहीं पाउँगा | मैं जित सकता हूँ |
चारों और मेरे दुश्मन हीं दुश्मन हैं | डरने की कोई बात नहीं |
ऐसा हमेशा मेरे साथ हीं क्यों होता हैं | फट, जो होगा देखा जायेगा |
डर को दूर भगाएं
मनोवैज्ञानिकों का कहना है कि भीतर का डर खुशियों को आने नहीं देता है |यह डर किसी भी बात का हो सकता है |जैसे- नौकरी नहीं लगने का डर,सफल ना होने का डर ,मंच पर भाषण दें का डर पहली मुलाकात का डर आदि |
मनो चिकित्सकों का कहना है कि डर आपको उतना डरता है जितना आप डरते है |डर से बचने का सबसे अच्छा उपाय डर को आप खुद डरायें |वह आपसे दूर भागने लगेगा |इसके बाद आप हर काम जोश व ख़ुशी से कर सकते हैं |
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गलती हर इन्सान से होती है
गलती हर इन्सान से होती है ,चाहें वो छोटी हो या बड़ी |ऐसे तो अपनी गलती पर परेशान होने वाले बहुत कम लोग होते हैं |उनके दिन का चैन और रातों की नीद गायब हो जाती है |लेकिन वहीँ कुछ लोग अपनी गलती पर परेशान नहीं होते क्योंकि गलती कोई जानबूझ कर नहीं करता है |
बस वो गलती हो जाती है |यह अपने आप घट जाती है |इसीलिए गलती को लेकर अधिक परेशान नहीं होना चाहिए |इस बात का ध्यान रखें की जो गलती एक बार हो जाती है वो दुबारा नहीं हो |
नकारात्मक विचारों वालों से दूर रहे
नकारात्मक विचार वाले व्यक्ति किसी के भी आत्म विश्वास को ख़त्म कर उसकी खुशियों को छीन लेते हैं |इसीलिए नकारात्मक विचार वालों से जितना दूर रह सकते हैं दूर रहे |
असफलता को गर्मजोशी में बदलें
यह जरुरी नहीं है कि हम सभी काम में सफल हो हीं जायें |कभी कभार असफलता भी मिलती है |इसको लेकर खुद को नाकारा समझने लगना अच्छी बात नहीं है |इसका प्रभाव सीधे आपके स्वास्थ्य पर पड़ता है |खुशियाँ दूर हो हीं जाती है |इसीलिए सदैव जिस तरह सफलता को हसते हसते स्वीकार करते हैं उसी तरह असफलता को भी स्वीकार करें |
हौसला बुलंद रखें
हौसला बुलंद रखें आपको खुशियों की सौगात जरुर मिलेगी |अपनी उपलब्धियों की एक सूचि बनाएं और इस खुशियों को हमेशा अपडेट करने की कोशिश करें |जब आप काफी परेशान हों,तो उस सूचि को बार बार पढ़े |इससे आपको ख़ुशी का अनुभूति होगा |निम्नवत कुछ बातों पर अमला करें —–
- परिस्थिति से मुकाबला करें
- दुःख व परेशानी के समय में अपने मित्रों परिजनों से सहयोग लें
- आत्म विश्वास में एक चमत्कारिक शक्ति है |एक हाथ कटे वाला व्यक्ति जा अपने अन्दर आत्मविश भर लेता है तो दो हाथ वालो के बराबर काम करता है |
- झूठे वादे न करें |झूठे वादे आपकी खुशियों को छीन सकते हैं |
- आत्मविश्वास का पहला नियम -मैं सब कुछ कर सकता हूँ |
- अपने नेटवर्क का दायरा बढाएं जब भी परेशान हो लोगों से मिले |इससे तनाव कम होने में मदद मिलेगी |अपने मित्रो व परिजनों के संपर्क में रहे |
- दुष्ट विचारों को निकालें ,क्योंकि दुष्ट विचार मन में आने पर मन विचलित हो जाता है |और ये खुशियों पर धावा बोल देते है |
- भगवान को शुक्रिया अदा करिए की हे भागवान एक दिन अच्छा बिता |
नोट -हमारे लेख से तनिक मात्र भी आपको लाभ मिले तो आपका प्यार अपेक्षित हैं |