Hanuman jyanti par Kavita- चिरंजीवी श्री राम भक्त हनुमान जी की शक्तियों के विषय में कई किस्से और कहानियां हम सभी जानते हैं l हनुमान जी के जन्म के भी विषय में अलग अलग मत है I माना जाता है कि रुद्रावतार हनुमान जी का जन्म एक वानर के रूप में हुआ था I इनकी माँ अंजनी एक अप्सरा थीं Iजिन्होंने एक श्राप की वज़ह से धरती पर जन्म लिया था I
यह भी माना जाता है कि उन्हें वरदान मिला था कि एक वानर पुत्र को जन्म देने के बाद श्राप से मुक्त हो जाएगी I बाल्मीकि रामायण के अनुसार हनुमानजी के पिता केसरी जी वृहस्पति पुत्र थे, जो स्वयं रावण के खिलाफ़ रामजी के सेना के साथ मिलकर युद्ध किए थे I माता अंजनी और केसरी ने पुत्र प्राप्ति के लिए शिवजी की घोर उपासना की थी Iइसके उपरांत हनुमानजी का जन्म हुआ था I
एक दूसरी कथा के अनुसार पवन देव अंजनी के कान के रास्ते शरीर में प्रवेश कर गए और वह गर्भवती हो गई। तदुपरांत हनुमानजी का जन्म हुआ I
एक कहानी य़ह भी है कि जब दशरथजी पुत्र प्राप्ति हेतु यज्ञ कराए थे, तब जो प्रसाद तीनों रानियों में बांटा गया उसका एक टुकड़ा उठा कर गरुड़ वहीँ गिराया जहां माता अंजनी पुत्र प्राप्ति के लिए तपस्या कर रही थीं I
प्रसाद खाते ही गर्भवती हो गई तब हनुमान जी का जन्म हुआ I इस तरह अनेकों कहानियां इनके जन्म को लेकर है I अब हम जानेंगे कि
हनुमानजी का जन्म दिन कब मनाया जाता है ?
मैंने कुछ शब्दों को चंद पंक्तियों में कविता का रूप दिया है आइए निम्नवत उसका आनंद उठाते हैं :
कविता
चैत्र मास तिथि पूर्णिमा शुक्ल पक्ष महान,
जन्म लियो अंजनी घरे महाबली हनुमान I
जन जन हर्षित पूजत हैं, पुरन हो सब काम,
आश लियो हृदय भीतर, कर जोरी करे प्रणाम I
महिमा तेरी हेे प्रभो ,जाने सकल जहान,
श्रद्धां भक्ति से जो नर ध्यावे, पूर्ण हो सब काज I
कहे ज्ञानी ऋषि मुनि इस दिन ध्यान जो नर धरे, सकल व्याधि विपत्ति उस नर का ,महाबली हनुमत हरे I
सुन्दर कांड अरु अरण्य कांड का, नित जो पाठ कलयुग में करे I