- Advertisement -
HomeMotivationalBest Motivational Quots For Students स्वामी विकानंद जी मोटिवेशनल कोट्स

Best Motivational Quots For Students स्वामी विकानंद जी मोटिवेशनल कोट्स

Best Motivational Quots For Students|मोटिवेशनल कोट्स इन हिन्दी 

Best Motivational Quots For Students:यदि आप विद्यार्थी हैं तो यह पोस्ट आपके लिए है |इस पोस्ट में स्वामी विवेकानंद जी द्वारा दी गई कुछ बहुत ही महत्वपूर्ण संदेश जो की विद्यार्थियों के लिए काफी उपयोगी है |आइये एक एक करके  इस कोट्स को निम्नवत आत्मसात करते हैं यानि कि पढ़ते हैं |

    • पढ़ने के लिए जरूरी है एकाग्रता ,एकाग्रता के लिए जरूरी है ध्यान |ध्यान से ही हम इंद्रियों पर संयम रखकर एकाग्रता प्राप्त कर सकते हैं |मन की एकाग्रता में ही सारा ज्ञान छिपा है |मन की शक्ति सूरज की किरणों की तरह होती है |जब एक हीं जगह केन्द्रित होती है, तो चमक उठती है| तुम्हे अंदर से बाहर की बाहर की तरफ विकसित होना है |
    • कोई तुम्हें पढ़ा नहीं सकता |कोई तुम्हें आध्यात्मिक नहीं बना सकता |तुम्हारी आत्मा के अलावा कोई और गुरु नहीं है |एक विचार लो| उस विचार को अपना जीवन बना लो |उसके बारे में सोचो |उसके सपने देखो |उस विचार को जियो|अपने मस्तिष्क मांसपेशियों,नसों,शरीर के हर हिस्से को उस विचार में डूब जाने दो और बाकी सभी विचार को किनारे रख दो |यहीं सफल होने का एकमात्र तरीका है |
    • एक समय में केवल एक काम करो और ऐसा करते समय अपनी पूरी आत्मा उस काम में डाल दो और बाकी सब कुछ भूल जाओ |पहली बार में बड़ी योजनाओं को मत बनाओ |लेकिन धीरे-धीरे शुरू करो |अपने पैर जमी पर रखकर आगे और आगे की तरफ बढ़ते रहो |
    • जब तक आप अपने काम में व्यस्त हैं ,तब तक काम आसान होता है |लेकिन आलसाई होने पर कोई भी काम आसान नहीं लगता |जिस समय जिस काम के लिए प्रतिज्ञा करो ,ठीक उसी समय उसे करना चाहिए |नहीं तो लोगों का विश्वास उठ जाता है |
    • उठो और जागो और तब तक रुको नहीं जब तक की तुम अपना लक्ष्य प्राप्त नहीं कर लेते हो |निरंतर सीखते रहना हीं जीवन है और रुक जाना हीं मृत्यु है |

Best Motivational Quots For Students| Swami Vivekanand

    • जीवन का रहस्य केवल भोग और आनंद नहीं है |बल्कि अनुभव के माध्यम से शिक्षा प्राप्ति में है |जब तक जीना है तब तक सीखना है |अनुभव ही जगत में सर्वश्रेष्ठ शिक्षक है |
    • जिस शिक्षा से हम अपना जीवन निर्माण कर सकें ,मानुष्य बन सकें ,चरित्र गठन कर सकें |वहीं वास्तव में शिक्षा कहलाने योग्य है |हम वो हैं जो हमें हमारी सोच ने बनाया है |इसलिए इस बात का ध्यान रखें कि आप क्या सोचते हैं |
    • जो तुम सोचते हो वो तुम बन जाओगे |यदि तुम खुद को कमजोर सोचते हो ,तो तुम कमजोर हो जाओगे |अगर तुम खुद को ताकतवर सोचते हो,तो तुम ताकतवर हो जाओगे |बाहरी स्वभाव केवल अंदरूनी स्वभाव का बड़ा रूप है |
    • वो कायर है जो कहता है यह किस्मत है |वह मजबूत है जो खड़ा होकर कहता है ,मैं अपना भाग्य खुद बनाऊँगा |कभी यह मत कहो, कि मैं नहीं कर सकता,क्योंकि आप अनंत हैं ,सभी शक्तियाँ आपके भीतर हैं |आप कुछ भी कर सकते हैं |
    • खड़े हो जाओ और हिम्मत करके अपनी सभी ज़िम्मेदारी खुद ले लो|यह तय करो, कि अब से अपनी सफलता के लिए किसी और को दोषी नहीं ठहराओगे,न किसी और के भरोसे कोई काम करने कि सोचोगे |तभी तुम अपने भाग्य का निर्माण खुद कर पाओगे और तुम्हारा भविष्य उज्ज्वल होगा |

 

Best Motivational Quots For Students|Best Motivational Quots For Students

    • जो कुछ भी आपको शारीरिक,बौद्धिक और आध्यात्मिक रूप से कमजोर बनाता है,उसे अपने जीवन से तुरंत निकाल दो |लगातार पवित्र विचार करते रहें |बुरे संस्कारों को दबाने के लिए एकमात्र समाधान यहीं है |
    • जीवन का रहस्य भोग से नहीं ,अनुभव के द्वारा शिक्षा प्राप्ति में है| शारीरिक बौद्धिक और आध्यात्मिक रूप से जो कुछ भी आपको कमजोर बनाता है उसे ज़हर की तरह त्याग दो |
    • दिन में एक बार आप स्वयं से बात करें,अन्यथा आप एक बेहतरीन इंसान से मिलने का मौका चूक जाएंगे |जिस व्यक्ति के पास श्रेष्ठ विचार रहते हैं वे कभी भी अकेला नहीं होता |
    • हमारे देश में नायकों की जरूरत है |नायक बनो |तुम अपना कर्तव्य करते जाओ |तुम्हारे अनुयायी खुद बढ़ जाएंगे | संभव की सीमा जानने का केवल एक हीं तरीका है,असंभव से भी आगे निकाल जाना |आपके लिएकुछ भी असंभव नहीं है |Swami Vivekanand

दोस्तों उम्मीद है मेरा संग्रह आप सभी को मोटिवेट करेगा |आप इसे पढ़कर अपने साथियों के साथ शेर करें|इसी तरह अपना प्यार बनाए रखें| धन्यवाद |

संग्रहिता-कृष्णावाती कुमारी

यह भी पढ़ें :

FQA

Q- स्वामी विवेकानंद के गुरु कौन थे |

ANS- स्वामी विवेकाननद के गुरु राम कृष्ण परमहंस थे जिनहे दुर्गा जी साक्षात दर्शन दीं थी |बचपन में इनके हाथों से खुद खाना खाईं थीं |

Q-स्वामी विवेका नन्द जी का जन्म कब हुआ था ?

ANS-12 जनवरी सन् 1863 को कोलकाता में हुआ था. उनके बचपन का नाम नरेन्द्रनाथ दत्त था और उनके पिता विश्वनाथ दत्त कलकत्ता हाईकोर्ट के एक प्रसिद्ध वकील थे |

Q-स्वामी विवेकानंद जी का बचपन का नाम क्या था ?

ANS-स्वामी विवेकानंद जी का असली नाम नरेंद्र दत्ता था |

- Advertisement -
- Advertisement -

Stay Connected

604FansLike
2,458FollowersFollow
133,000SubscribersSubscribe

Must Read

- Advertisement -

Related Blogs

- Advertisement -