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Aurat hi Aurat ki Dushman Hoti Hai

Aurat hi Aurat ki Dushman Hoti Hai|जानें कैसे औरत ही औरत की दुश्मन होतीं हैं?

Aurat hi Aurat ki Dushman Hoti Hai- कैसे औरत ही औरत की दुश्मन होतीं हैं- साथियों ग़ज़ब बिडम्बना है I जिस देश में हम सभी रहते हैं,वह पुरुष प्रधान देश है I जहाँ आज भी महिलाएं बराबरी के दर्जा के लिए संघर्ष कर रहीं हैं I चाहें वह अपना घर हो, या दफ्तर I

अब आइए हम जानते है कि कैसे औरत ही औरत ही औरत की दुश्मन होतीं हैं Iसाथियों इसमें धन का बहुत बड़ा रोल है I धन के कारण माँ बाप भाई सभी में कटुता उत्पन्न होती है I आज धन के कारण सभी रिश्ते आपस में  शर्मशार हो रहे है। 

यहां हम बात कर रहें हैं औरतों की I यह बात वैसे ही सत्य है जैसे शरीर से प्राण का निकलना I हर घर की य़ह सच्चाई है I जहां दो चार बच्चें है। वहां उन बच्चो की शादी होगी ही I बहुएं आयेंगी ही I

दहेज  प्रथा पर सरकार ने भले ही अंकुश लगाया है।परन्तु  लोभियो से संसार खाली नहीं है I जिस घर में बेटा है ,समझो पैसे का मशीन है I भले ही वह निक्कमा ही क्यों ना हो। लेकिन वह बेटा है। मां बाप बड़े हर्षित होकर एक कहावत कहते है।

“घीव के लड्डू टेढ़ो भला ” यह कहावत बहुुत प्रसिद्ध है।यह कहावत माँ बाप बड़े ही गद गद होकर अपने बेेटे के लिए  बोलते है। बोलते समय चेहरा खिल जाता है। उद्दाहरण देते हुुए यह जरूर कहते हैै कि बेेटी थोड़े है, कि दुसरे के घर जाना है। बेटा है मेेेरे कूल का दीपक है।

यह भावना लड़के के जन्म लेते ही परिवार में पनप जाती है। बेटे की शादी होती है। घर में बहू आती है। कोई दहेज कम लाती है को बेधता है।
जीवन भर कटु शब्द याद रहते हैं। जब वह शब्द याद आते है, हृदय अति व्यथित होता है।तनिक विचार करे, कि कितना  उस वक्त जियरा व्यथित होता होगा,  जहां अपना कोई भी आगे पिछे नहीं दिखता होगा और कटु शब्दो के बाण से अकेली जान को  छलनी किया जाता होगा!

Aurat Teri yahin Kahani

 सास को भी अपना दिन याद करना चाहिए I यह जरूरी नहीं कि हमारी सास ने हमे ताना मारा तो हमें भी अपने बहु के साथ वहीं व्यवहार करना चाहिए I ननद को भी एक दिन बहू बनना है।
जो बहू अधिक दहेज लेकर आती है। वो मान सम्मान सबसे अधिक पाती है। सास, ससुर, ननद और देवर सबके नज़र में अधिक दहेज वाली लाढ प्यार ज्यादे पाती है। इसमें सासु माँ की सबसे महत्वपूर्ण भूमिका होती है।
सासु माँ उसी बहू को प्यार करती है, जो दहेज ज्यादे लेकर आई होती है। जो बहूए दहेज कम लाई होती है, उन्हेें ताने मिलता है। सासु माँ दिल दुखाने मेें कोई कसर नही छोड़ती।साथ मेें ननद देवर भी अहम भूमिका निभाते है। साथियोों शब्दो का बाण अन्तरात्मा
Aurat hi Aurat ki Dushman Hoti Hai कैसे औरत ही औरत की दुश्मन होतीं हैं?

साथियो दुनिया में इससे बड़ा पाप कुछ हो ही नही सकता कि आप अपने शब्दो के बाण से किसी के हृदय को व्यथित करते है।यह  सबसे बड़ा पाप  है।दिल दुखाना जो अधर्म है। इससे बड़ा अधर्म दुनिया में कुछ हो ही नही सकता।

शब्द ही आग है, शब्द ही बाण है शब्द ही शीतल जल। वाणी ऐसी बोलिए, शीतल होय हर पल।।

 आप सभी इस बात से अवगत है। सभी को सारी बाते पता है। मैने आप सभी का ध्यान इस ओर आकर्षित करने का एक छोटा सा प्रयास किया है। आप सभी का सहयोग अपेक्षित है। 

इस पहल में नारी समाज का योगदान जिस दिन से तेज हो जाएगा उसी दिन से नारी समाज का उत्थान प्रारंभ हो जाएगा। इस कार्य मे औरतो को आगे आना होगा।  हम नारियो को ही इस कार्य का शंख नाद करना होगा।

हमारे देश में लगभग गाँवो की संख्या 628221 है और शहर अनुमानतः 4000 है। जिनमे लोगों की मानसिकता महिलाओं के प्रति बहुत ही निन्दनीय है। आज भी महिलाओ को उनकी औकात मर्दो द्वारा चूल्हे चौके तक बताई जाती है।

इसीलिए नारी समाज को अपनी मान सम्मान के लिए खुद आगे आना होगा। अपनी आवाज बुलंद करनी होगी। साथियो आज अपनी लेखनी को मैं  यही विराम् देती हूं। तब तक के लिए जय हिन्द जय माँ भारती।

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धन्यवाद साथियो,

रचना- कृष्णावती कुमारी Read more:https://krishnaofficial.co.in/

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