Poem on Republic Day in Hindi|गणतंत्र दिवस कब और क्यों मनाया जाता है?
Poem on Republic Day in Hindi- गणतंत्र का अर्थ है-ऐसा राष्ट्र जिसकी सत्ता जन साधारण में समाहित हो I यूँ तो हमारा देश अंग्रेजों की दासता से 15 अगस्त 1947 को आजाद हो गया था परंतु इस स्वतंत्रता को वास्तविक अर्थ मिला 26 जनवरी 1950 को I
य़ह वह तारीख है, जब भारत का संविधान लागू हुआ था I इसी दिन को गणतंत्र दिवस के रूप में हम मनाते आ रहें हैं I य़ह हमारा राष्ट्रीय पर्व है I इस दिन प्रत्येक भारतीय देश की आज़ादी में अपने प्राणों की आहुति देने वाले शहीदों को याद कर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित करता है I
गणतंत्र दिवस के पूर्व संध्या पर राष्ट्र के नाम कौन संदेश देता है|Poem on Republic Day in Hind
गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या पर हमारे आदरणीय राष्ट्रपति महोदय राष्ट्र के नाम संदेश देते हैं I जिसका सीधा प्रसारण रेडियो और दूरदर्शन पर किया जाता है I इंडिया गेट, विजय पथ, नई दिल्ली में गणतंत्र दिवस का समारोह विशेष तौर पर आयोजित किया जाता है I
देश के अतिथि के रूप में प्रायः किसी देश के “राष्ट्राध्यक्ष” को आमंत्रित किया जाता है I राष्ट्रपति द्वारा राष्ट्रीय ध्वज फहराने के बाद भव्य झांकी का आयोजन किया जाता है I इन्डिया गेट से लेकर विजय पथ तक इसे देखने के लिए लाखों लोगों की भीड़ उमड़ पड़ती है I
जल सेना , नौसेना,वायु सेना और अर्ध सैनिक बलों का परेड इस इस समारोह की जान होती है I इसके अतिरिक्त पूरे देश की झांकी का आभास कराते हुए प्राय: हर प्रदेश की भव्य एवं खूबसूरत झांकियां लोगों का मन मोह लेती है I इस समारोह में अपने देश के लिए जान की बाजी लगा देने वाले जवानों को विशेष रूप से सम्मानित किया जाता है I
देश के कोने कोने से किसी विशेष मौके पर अपनी सूझ बूझ एवं वीरता का प्रदर्शन करने वाले बहादुर बच्चो को भी इस दिन राष्ट्र पति द्वारा वीरता पुरस्कार दिया जाता है I परेड के अंत में वायु सेना के जहाज आसमान में अपनी कलाबाजियां प्रस्तुत कर दर्शकों का मन मोह लेते हैं I
प्रजातंत्र प्रणाली क्या है?
प्रजातंत्र एवं लोकतंत्र ,गणतन्त्र के ही समानार्थी शब्द हैं I प्रजातंत्र शासन प्रणाली के अनेक लाभ है I प्रजातंत्र शासन में राज्य की अपेक्षा व्यक्ति को अधिक महात्व दिया जाता है I राज्य व्यक्ति के विकास के लिए पूर्ण अवसर प्राप्त कराता है I जिस तरह व्यक्ति और समाज को अलग करके दोनों के दोनों के अस्तित्व की कल्पना नहीं की जा सकतीं I
ठीक उसी प्रकार प्रजातांत्रिक शासन प्रणाली में प्रजा और सरकार को अलग अलग नहीं देखा जा सकता I प्रजातंत्र के कई लाभ हैं ,तो इससे कई प्रकार की हानिया भी सम्भव है I प्रजातंत्र की सफलता के लिए यह आवश्यक है कि जनता शिक्षित हो एवं अपना हित समझती होl जनता को यह समझाना होगा कि यह आजादी हमें आसानी से नहीं मिली है I
इसके लिए हमारे लाखों पूर्वज जान गंवाए है I देश की आज़ादी मिलने के बाद देश गणतंत्र बनाना हमारे लिए दोहरी खुशी है I इस दिन का सभी को आदर करना चाहिए I गणतंत्र दिवस आज़ादी के शहीदों को याद करने एवं उन्हें श्रद्धांजलि देने में मुख्य भूमिका निभाता है I
इस दिन राष्ट्रपति भवन में अनेक राजकीय समारोह आयोजित किए जाते हैं I विदेशी राजनयिक, वरिष्ठ सम्मानीय जन व पदक विजेता यहां एकत्र होते हैं I रात्री को राष्ट्रपति भवन, सचिवालय, इन्डिया गेट व अन्य राजकीय कार्यालय रंग बिरंगी रोशनीयों से जगमगा उठते हैं I
लालकिले के प्रांगण में हिंदी एवं ऊर्दू भाषा में कवि सम्मेलन का आयोजन किया जाता है I स्कूलों में देशभक्ति एवं संस्कृतिक कार्य क्रम का आयोजन किया जाता है I राष्ट्रीय एकता का य़ह पर्व सभी धर्मों के लोगों को मिलजुलकर रहने एवं भाइचारे का संदेश देता है I हमें देश की स्वतंत्रता, अखण्डता एवं सम्प्रभुता बनाये रखना चाहिए I य़ह नहीं भूलना चाहिए कि हम आज जो आजादी की साँस ले रहे है ,वह वीर जवानों की देन है I
सरहद पर जवान सर्दी गर्मी, लू के थपेड़े सहते हुए भी हर पल दुश्मनों पर नजर रखते हैं l साथियों सिर्फ इसलिए कि हमारा गणतंत्र सुरक्षित रह सके I हमे भी अपनी स्वतंत्रता एवं अखंडता को बनाए रखने का संकल्प लेते हुए, देश के विकास में हर सम्भव योगदान देना चाहिए I
द्वारा – निबंध माला अरिहंत पब्लिकेशन
अंत में मैं अपनी दो पंक्तियाँ आप सभी के समक्ष प्रस्तुत कर रही हूं I उम्मीद है आप सभी को पसंद आएगी ……
कविता |Poem on Republic Day in Hind
“जरा तनिक सोचों मेरे यारों,हालत अगर अब सा होता I
हिंदू मुश्लिम और सिख ईसाई,सबकी सोच अलग होती,
तो खाक आज़ादी का जश्न ,हम सबके आँगन में होता I
जो जान गंवाए हैं वो, अपने ही थे, कोई गैर नहीं !
किसी के भैया, किसी के भाईजान,किसी के पिता किसी के अबुजान !”
जब सूरज संघ अँधियारा हो ,तब दीप का जलना जरुरी है I
जब प्यार की बोली लगे बाजार में ,तब प्यार बचाना जरूरी है I
जब खतरा हो गद्दारों से ,तब उन्हें मिटाना जरूरी है I
गुमराह हो जब यूथ मेरा, सही राह दिखाना जरूरी है I
जब नारी खुद को असहाय समझे,तब रानी लक्ष्मी ,बनाना ही जरूरी है I
जब देश क्रूर के हाथ में हो ,तब भगत, सुभाष को आना जरूरी है I
जब बात सीधे बनती ना दिखे ,तब टेढ़ी बात जरूरी है I
सम्भल जाओ तिरछी नजर वालों ,क्योंकि यहां हर बच्चा-बच्चा प्रहरी है I
क्योकि हर नज़र में बदले की भावना है नहीं कोई मजबूरी है |
जय हिंद ,जय भारत गणतन्त्र दिवस
यह भी पढ़ें |Read More:
1.Subhash Chandr Bosh Par kavita
4. Poem on world population day
FAQ:
साथियों ,इस आज़ादी के लिए सभी धर्म एक जुट होकर अपने सपूतों को गंवाया है I आप सभी को जगाने के लिए साक्षात भारत माँ झाँसी की रानी के रूप में प्रकट होकर सभी के अंदर एक ऐसी चिंगारी लगाई जो आज़ादी के बाद ही मिटी I इसीलिए आप सभी जाति धर्म भूलकर अपने देश की भलाई में योगदान दें I
धन्यवाद दोस्तों
संगृहीता -कृष्णावती कुमारी