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Kaliyug mein Hanumanji ki aradhana

Kaliyug Mein Hanuman ji ki aradhana |कलियुग में केवल हनुमान जी की आराधना

Kaliyug mein Hanumanji ki aradhana- जीवन में कभी भी कोई संकट आए तो ,कलियुग में सिर्फ हनुमान जी की आराधना काफी है I जो मनुष्य सच्चे मन से हनुमानजी की आराधना करता है, उसकी सारी मनोकामना पल भर में पूर्ण हो जाती है I

“कलियुग केवल नाम आधारा,सुमिर सुमिर नर उतरहूँ पारा ।” जो व्यक्ति श्रद्धा  और स्वच्छ मन से हनुमानजी की आराधना करता है भगवान शीघ्र प्रसन्न हो जाते हैं I अपने भक्तों के सारे कष्ट पल भर में दूर करते हैं I हनुमान चालीसा में कहाः गया है

“संकट कटे मिटे सब पीड़ा, जो सुमिरे हनुमत बल वीरा I  संकट ते हनुमान छोड़ावे मन क्रम वचन ध्यान जो लावे।”  “Kaliyug mein Hanuman ji ki Aradhana प्रति दिन यदि कोई व्यक्ति इस चौपाई का  ध्यान मग्न होकर करता है ,तब भी इस जाप से हनुमान जी अपने भक्तों पर प्रसन्न हो जाते हैं और पल भर में संकट दूर करते हैं |

थोड़ी सी प्रार्थना और पूजा से ही हनुमानजी प्रसन्न हो जाते हैं I इसीलिए तो, संकटमोचन कहे जाते है।जिस प्रकार भगवान राम के नाम में आपार शक्ति है उसी प्रकार कलियुग में सिर्फ हनुमत भजन ही संकट हरण के लिए पर्याप्त है।  भगवान राम के प्रति अगाध श्रद्धा भक्ति से ही इन्हें ‘अष्ट सिद्धि और नव निधि के दाता ‘ का वरदान मिला। यही वरदान हनुमान जी के  भक्तों के संकट काल में काम आते है। कलियुग में राम भक्त

हनुमान जी की आराधना का विशेष महत्व माना गया है ।

हनुमान जी के बारहो नामों के शीघ्र प्रभाव

1• 🕉 हनुमान 

2• 🕉 अंजनी सूत

3• 🕉 वायु पुत्र

  4• 🕉 महाबल

5• 🕉 रामेष्ठ

6• 🕉 फाल्गुन सखा

7• 🕉 पिंगाक्ष

8• 🕉 अमित विक्रम

9• 🕉 उदधिक्रमण 

10• 🕉 सीता शोक विनाशन

11• 🕉 लक्ष्मण प्राण दाता

12• 🕉 दशग्रीव दर्पहा।

Kaliyug Keval Naam Aadhara |बारहो नामों की अलौकिक महिमा 

▪︎ऐसा माना जाता है कि प्रातःकाल  जो मनुष्य जिस भी अवस्था में हो,  12 हो नामों को यदि  प्रत्येक सुबह 11 बार जाप करता है तो, वह दीर्घायु होता है. मतलब की उसकी उम्र लंबी होती है।

▪︎स्नान करते समय जो व्यक्ति बारहो नामों को लेता है उस व्यक्ति को इष्ट की प्राप्ति होती है I

▪︎जो व्यक्ति मध्यान काल यानि दोपहर में उपरोक्त बारहों नामों का जाप करता है वह धनवान होता है I

▪︎वहीं संध्या काल यानि शाम के समय बारहों नामों को जपने वाला व्यक्ति पारिवारिक सुखों से तृप्त होता है I

▪︎वहीं रात्री काल यानि रात में सोते समय जो व्यक्ति बारहों नामों का स्मारण करता है, वह शत्रु पर विजय पाता है I

प्रश्न और उत्तर
  1. हनुमानजी को अमरता का वरदान कैसे मिला ? 

रामायण के अनुसार, माना जाता है कि हनुमान जी जब सीता जी को ढूढ़ने के लिए लंका पहुचें और सीताजी से मिलकर सारी राम कहानी सुनाई तो माता सीता अति प्रसन्न हो गई I इसके बाद  उन्होंने हनुमान जी को अमर होने का वरदान दिया I

आज भी ऐसा माना जाता है कि धरती पर ही हमारे बीच में है I  मैंने अपना अनुभव  अपना विचार  आप सभी के साथ साझा किया है  क्योंकि मैंने जो हनुमान जी की आराधना से महसूस किया है वह अविस्मरणीय है। जीवन में जब भी संकट आया है बजरंग बलि ने मेरा साथ दिया है। कोई भी कार्य  श्रद्धा लगन  और सकारात्मक सोच के साथ किया जाए तो  सफलता आवश्य मिलती है।

2.हनुमानजी को लाल  सिंदूर क्यों चढ़ाया जाता है ?

इस प्रसंग के विषय में यह कथा है कि एक बार हनुमानजी सीता जी को सिंदूर लगाते हुए देखे I तब उत्सुकता पूर्वक सीताजी से पूछते हैं कि, माता यह सिंदूर आप क्यों लगातीं हैं? सीता माता ने जवाब दिया-  पुत्र प्रभु श्रीराम को प्रसन्न करने के लिए लगाती हूँ I

यह सुनकर हनुमान जी मन ही मन विचार किए…माता सीता ने तो चुटकी भर सिंदूर लगाया है…और प्रभु उनसे इतना प्रसन्न रहते है। यदि मैं पूरे शरीर में लगा लूँगा तब तो प्रभु मेरे उपर और अधिक प्रसन्न हो जाएंगे। इस तरह हनुमान जी ने पूरे शरीर में सिंदूर लगा लिया। तभी से उन्हे लाल सिंन्दूर चढ़ाया जाता है।

FAQ:

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  2. जानें महादेव के आराध्यदेव कौन
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धन्यवाद  पाठकों,

संग्रहण कर्ता-कृष्णावती कुमारी

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