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Story Of Santa Claus सांता क्लौज की असली कहानी क्या है

Story Of Santa Claus | सांता क्लौज की असली कहानी क्या है

Story Of Santa Claus- क्रिसमस के दिन जीसस यानि की इशू का जन्म हुआ था||इसी की खुशी में क्रिसमस मनाया जाता है लेकिन सांटा के बिना क्रिसमस बिलकुल अधूरा है|

बच्चों के लिए क्रिसमस/ Chrismas का मतलब ही सांता है |आखिर कौन हैं ये सांता क्लौज जो इशू के जन्मदिन पर बच्चों और जरूरत मंदों को तोहफ़ें बाँटते हैं |

सांता खुद कहीं जीसस तो नहीं हैं क्योंकि बाइबल में कहीं भी सांता का जिक्र नहीं आता है |अगर जीजस ही सांता होते तो बाइबल में कहीं जीजस के सांता रूप का जिक्र जरूर होता |

वहीं क्रिसमस का त्यौहार जीजस के मृत्यु के कई सालों बाद मनाया गया था |जीसस के जीते जी उनके अनुयायी उनके जन्म को त्योहार के रूप में नहीं मनाते थे |यानि कि वे जीसस नहीं थे जो सांता बनकर बच्चों को गिफ्ट देते थे |

आज हम इस आर्टिकल में यही जानेंगे कि जीसस सांता नहीं हैं, तो आखिर कौन हैं सांता ? यूं तो इसे लेकर कोई पुक्ता प्रमाण नहीं है |मगर अलग-अलग कहानियाँ जरूर हैं |

आइए इन्हीं कहानियों को टटोलते हैं और सांता को जानने की कोशिश करते हैं |सांता को लेकर जो पहली कहानी बताई जाती है,वो है सेंट निकोलस की|

सांता के विषय में पहली कहानी में सेंट निकोलस 

सेंट निकोलस का जन्म तीसरी सदी में जीजस की मृत्यु के 280 साल के बाद तुर्किस्तान के मायरा नामक शहर में हुआ था |सेंट निकोलस के माता-पिता का देहांत बच्चपन में ही हो गया था|

जिसके बाद उन्होंने अपना जीवन मानव सेवा को अर्पित कर दिया था |उन्हें लोगों की मदद करना काफी अच्छा लगता था |वो गरीब बच्चों को तोहफ़े दिया करते थे |सेंट निकोलस ही सांता हैं,यह सांता को लेकर पहली काहनी है |

लेकिन इस कहानी में एक सवाल है | सवाल ये कि जब सेंट निकोलस लोगों की मदद करते थे ,उन्हें गरीब बच्चों को तोहफ़े देना अच्छा लगता था,तो ये काम क्रिसमस के दिन छुपकर क्यों करते ? जबकि बाकी दिनों में ऐसा नहीं होता था |

बाकि दिनों में वो खुलकर लोगों को मदद करने के लिए सामने आते जबकि क्रिसमस के दिन रात को छुपकर तोहफ़ा देते |ये सवाल सेंट निकोलस के सांता होने पर सवाल खड़ा करता है |लेकिन जो लोग ये मानते हैं कि सेंट निकोलस ही सांता है,

वे कहते हैं कि ऐसा हो सकता है कि सेंट निकोलस बच्चों की खुशी को दोगुनी करने के लिए करते हों, क्योंकि कुछ भी अचानक मिलता है तो खुशी दोगुनी हो जाती है| तो ये थी सांता को लेकर पहली कहानी | 

सांता के विषय में दूसरी कहानी

दूसरी कहानी जो सांता को लेकर बताई जताई है,उसे जानकार आपको विशवास नहीं होगा क्योंकि यह कहानी कहती है कि खुद सैटन सैतान या डेविल कहा जाता है, वहीं डेविल जिसे ईश्वर ने स्वर्ग से निकाल कर नर्क में धकेल दिया था |

वहीं खुद सांता बनकर क्रिसमस पर बच्चों को तोहफ़े देता है |जी हाँ, यूं तो इस बात पर किसी को यकीन नहीं होगा |लेकिन इस बात को सावित करने के लिए कई आधार भी दिये गए है |

यह सारी बातें और जानकारी ऐसे कई आर्टिकल में इन्टरनेट पर आसानी से मिल जाएगी |अब प्रश्न उठता है कि…………..

सैटर्न को सांता क्यों कहा जाता है

दर असल में सैटन और सांता दोनों शब्दों में बहुत समानता है|अगर सांता शब्द के बीच वाले लेटर N को आखिर में ले जाया जाय तो वह सैटन बन जाता है |

दूसरी बात जो सैटन को सांता सावित करने के लिए कहीं जाती है,वह है, क्रिसमस पर गाए जाने वाला झींगल बेल झींगल बेल सॉन्ग |कितनी अजीब बात है, कि क्रिसमस पर जीजस का जन्म हुआ था |लेकिन क्रिसमस पर जो गाना झींगल बेल गया जाता है ,उसमें जीजस का जन्म तक तो क्या, उनके नाम का भी कहीं जिक्र नहीं आता है |

जी हाँ,झींगल बेल्स में एक बार भी जीसस का नाम तक नहीं आता, वहीं क्रिसमस पर लोग जीसस से नहीं ,सांता से तोहफ़े मांगते हैं |उन्हें अपनी विशेज बताते हैं |यहीं डेविल का उद्देश्य था कि लोग जीजस से प्रार्थनाएँ न करें |इस बात पर भी गौर करें कि बाइबल में सैटन को ज्यादा जगह नहीं दी गई है और सांता का नाम भी कहीं नहीं आता है |

इसके अलावा सैतान को सांता सावित करने के लिए ये बात जो कही जाती है ,वो ये, कि सैतान अंधेरे का राजा है और सांता भी आधी रात को अंधेरे में बच्चों के लिए तोहफ़े रख कर जाता है |

वहीं जानकार यह भी मानते हैं, कि तोहफ़े, पैसा, ये सब इंसान और बच्चों को लालची बनाती है | उन्हें मोक्ष से दूर करके लालच की ओर ले जाती है और लालच यानि Greed यानि बाइबल में दिये गए डेडली सेंस में से एक है|

खुद बाइबल कहता है, कि सेंस यानि पाप का सीधा नाता सैतान से है |कहा जाता है, कि सैतान सेंट शब्द से निकला है |सेंट यानि कि हौली, हौली का मतलब होता है पवित्र और सैतान ये तो हमेशा से कहता आया है कि वो ईश्वर से ज्यादा ताकतवर और पवित्र है |

जानकार यह भी कहते हैं, कि सैटन यानि कि सैतान ने कभी भी बच्चों को नुकसान नहीं पहूँचाया है|सैतान को बच्चे बहुत प्यारे हैं| इसीलिए वो क्रिसमस पर सिर्फ बच्चों को ही तोहफ़े देता है, बड़ों और बूढ़ों को नहीं |

इन सब बातों को लेकर बाइबल के कुछ जानकार कहते हैं, कि क्रिसमस पर जीसस से लोगों का ध्यान हटाने के लिए सैटन सांता के रूप में आता है |इसिलिए कि लोग जीजस का नहीं सांता का गुणगान करें |अगर वाकई यह सच्च है, तो हम यहाँ जरूर कहेंगे, कि सैटन अपने मकसद में पूरी तरह से कामयाब हो गया है |

अगर आज के जेनरेसन से क्रिसमस का मतलब पूंछेंगे, तो आपसे वे यहीं कहेंगे, कि क्रिसमस पर सांता अंकल आते हैं और तोहफ़े देते हैं| खैर ये है, सेंटा को लेकर दो सबसे प्रचलित कहानियां|

पहली कहानी ये कहती है कि सेंट निकोलस सेंटा है और दूसरी ये कहती है कि सैटन सेंटा है |अब आपको निर्णय करना है कि दोनों कहानियों में से कौन सही है | यह आपकी मर्जी और आस्था पर निर्भर करता है | धन्यवाद

QNA:

यह भी पढ़ें :

  1. Poem on Chrismus day
  2. क्रिसमस पर कविता
  3. Poem on Republic day
  4. Story of Jesus Christ

 

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