Poem on Christmas |क्रिसमस का महत्व, कविता ,Merry christmas| Happy Christmas|क्रिसमस पर निबंध | Christmas Essay In Hindi | Chritmas Festival | Birth Story Of Baby Jesus
Poem on Christmas- पूरे विश्व में क्रिसमस डे प्रति वर्ष 25 दिसंबर को यीशु मसीह के जन्म की खुशी में बड़े धूम -धाम से मनाया जाता है | क्रिसमस ईसाईयों का सबसे महत्वपूर्ण धार्मिक त्योहार है|
परंतु इसे आजकल सभी धर्म के लोग धूम -धाम से मनाते हैं l इसी दिन ईसा मसीह का जन्म हुआ था जीसस क्रिस्ट एक महान व्यक्ति थे उन्होने दुनिया के लोंगों को प्यार और इंसानियत का संदेश दिया |
लोगो की मान्यता है की संताक्लाज स्वर्ग से आता है और लोगों के लिए मनचाहा उपहार लाता है क्रिसमस 🎅 संता क्लॉज, तोहफ़े केक और शुभ कामनाओ का त्योहार है |
क्रिसमस का महत्व
जीसस क्रिस्ट के जन्म की खुशी में क्रिसमस ईशाई समुदाय के बीच बड़ी धूम धाम से मनाया जाता है। जीसस क्रिस्ट को ईश्वर का बेटा कहा जाता है। क्रिस्ट से हीं क्रिसमस का नाम पड़ा। बाइबल में जीसस के जन्म तारीख का कोई निश्चित कोई बर्थ डेट नहीं दी गई है|
लेकिन फिर भी 25 दिसंबर को ही प्रति वर्ष क्रिसमस मनाया जाता है| आज सेंता बच्चों के बीच में इतना फेमस है कि सभी समुदाय के लोग पूरे विश्व में क्रिसमस को बड़ी धूम धाम से मनाने लगे है |
आइए इस चंद पंक्तियों से जानते है कि किस प्रकार सभी को क्रिसमस का बेसब्री से इंतजार रहता है | जिसमें बच्चों को सबसे ज्यादे खुशी होती है |
क्रिसमस की कहानी (यीसु जीसस के जन्म की कहानी )
ऐसी मान्यता है की 25 दिसम्बर के दिन युशु यानि ईशा मसीह का जन्म हुआ था क्रिश्चियन धर्म के लोग ईशा मसीह को ईश्वर का बेटा मानते हैं इसीलिए इस दिन इसाई धर्म के लोग बहुत ही धूम – धाम एवं हर्षोउल्लास से यीशु के जन्म का जश्न मानाते हैं |
हिंदु धर्म के लिए दीपावली,सिख धर्म के लिए गुरु परब और मुस्लिम धर्म के लिये ईद जितना महत्वपूर्ण होता है वैसे हीं इसाई धर्म के लिए क्रिसमस का महत्व होता है |बहुत समय पहले ( लगभग 2000 साल ) जब राजा हिरोद ने जहूदियों पर शासन किया था तब परमेश्वर ने स्वर्ग दूत गेब्रियल (परी ) को एक युवती के पास भेजा जो उतरी शहर नाशरत में रहती थी |उस लड़की का नाम मरियम था |
जो बहुत गुड़ी एवं दयावान थी और जोसेफ के साथ जुड़ी थी| एक रात परमेश्वर द्वारा भजे दूत यानि परी ने मरियम से कहा डरो मत मेरी बात ध्यान से सुनो ईश्वर आपसे बहुत खुश और ईश्वर ने आपको एक बिशेष कार्य के लिए चुना है आप जल्दी गर्भवती हो जाओगी और एक बच्चे को जन्म दोगी | और आप उसे ईशु का नाम देंगी और वो होगा भवन का अपना बेटा और उसका राज्य कभी खत्म नहीं होगा |
मैरी बहुत डर गयी थी लेकिन उसने भगवान पर भरोसा किया | परी के आज्ञानुसार मैरी अपने चचेरी बहन एलिज़ाबेथ और उसके पति जचरिया Zachariah से मिलने गयी | एलिज़ाबेथ मैरी को देखकर बहुत खुश हुई | वह जानती थी की ईश्वर ने मरियम को अपने बच्चे की माँ बनने के लिए भेजा था एक स्वर्ग दूत ने जचरियाह को पहले ही बता दिया था की एलिज़ाबेथ का एक बच्चा होगा जो ईशु का स्वागत करने के लिए लोगों को तैयार करेगा |
मारियम अपनी बहन एलिबेथ के साथ तीन महिना रहने के बाद नाजरेथ लौट आई |इधर युशुफ मैरी के बच्चा होने के बारे में चिंतित था तभी ईश्वर के दूत ने युसुफ को सपने में बता दिया की मैरी ईश्वर के बच्चे को जन्म देगी जिसका नाम रखा जाएगा ईशु | ईशु का मतलब है उद्धारकर्ता | ये बच्चा लोगों का उद्धार करेगा | तुम मैरी को पत्नी के रूप में स्वीकार करो | फिर युसुफ देवदूत की बात मानकर युसुफ ने मरियम से शादी कर ली |
उस समय मैरी और जोसेफ जिस जगह रहते थे वो रोमन साम्राज्य का हिस्सा था |रोमन सम्राट अगस्टिस ने एक आदेश दिया की सब लोग अपने शहर में लौटें जहां उनका परिवार मूल रूप से रहता था | इसलिए मरियम और युसुफ को नाजरेथ से बेतलेहम लौटना पड़ा |
बेतलेहम में लोगों के आने से युसुफ और मैरी को कहीं रहने के लिए जगह नहीं मिलने के कारण अस्तबल में रुकना पड़ा और वहीं आधी रात को मरियम ने ईशु को जन्म दिया | उसी रात बेतलेहम में एक चरवाहों की टोली जा रही थी तभी उनको तेज रोशनी दिखाई दी |
वे डर गए तभी परी ने उनसे कहा डरो मत सुनो बेतलेहम मे उद्धारकर्ता यानि ईशु का जन्म हो चुका है जो लोगो का उद्धार करेगा जाओ उसकी तलाश करो वो एक अस्तबल में होगा | चरवाहे ढुढ़ते हुए उस असतबल तक पहुँच गए जहां युसुफ और मैरी शिशु जिजस के साथ रह रहे थे |
जीजस को देखते हीं चरवाहे घुटने के बल होकर अपने उद्धारकर्ता की प्रार्थना करने लगे | चरवाहे वहाँ से चले गए और फिर सभी लोगों से बताया की देवदूत ने उनसे क्या कहा था उनकी बात सुनकर सभी लोग आश्चर्यचकित रह गए | जब ईशु बड़े हुए तो उन्होने आदर्श जीवन जिया और कई चमत्कार किए |
जिजस सिर्फ एक साधारण मनुष्य हीं नहीं बल्कि ईश्वर के पुत्र थे जो लोगों को पापों और उनके सभी गलत कर्मों से बचाने के लिए पृथबी पर पैदा हुए थे | ईसाई इस चमत्कार को क्रिसमस के जश्न के रूप में मनाते हैं |
क्रिसमस कविता ( Poem on Christmas)
कई दिनों से साफ़ सफ़ाई ,
Poem on new year
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