APJ Abdul Kalam Ki Jivani | ए पी जे अब्दुल कलाम का जीवन परिचय
APJ Abdul Kalam Ki Jivani- ए पी जे अब्दुल कलाम का जन्म 15 अक्तूबर 1931 को भारत के रामेश्वरम,तमिलनाडू के धनुषकोंडी गाँव में एक मछुवारे परिवार में हुआ था जो कि तमिल मुसलमान थे |
उस दिन इनके पिता जैनूलाबदीन और माता आशियम्मा बहुत खुश थी | दोनों पति पत्नी एक सुंदर और स्वस्थ पुत्र के जन्म के लिए अल्लाह का शुक्रिया अदा कर रहे थे |आसमान की ओर देखते हुए उनकी निगाह रामनाथ स्वामी मंदिर के ऊँचे शिखर पर जा टिकी |
सूर्य की किरणों से जगमग करती धातु की मंदिर इस तरह प्रकाशित हो रही थी मानों उन्हें होनहार और प्रतिभाशाली पुत्र पाने का वर दे रही हो |
अल्लाह करें !उसका नाम हर जगह इन किरणों की तरह रोशन हो |पिता ने मन हीं मन दुवा की|तभी मस्जिद से आजान, मंदिरों से घंटों की आवाज गूंज उठी |इन सभी संकेतों को सुनकर पिता प्रसन्न हो गए और एक विश्वास भरा आश जाग उठा |
APJ Abdul कलाम का पालन-पोषण
डॉक्टर कलाम का जहाँ जन्म हुआ वहाँ सभी धर्म समान थे |सभी हिन्दू मुस्लिम इशाई एक साथ वहाँ मिलजुलकर रहते थे |यहाँ सभी धर्मों के लोग एक दूसरे के धर्मों को मान सम्मान देते थे|
नन्हें कलाम अब तीन वर्ष के हो गए थे |लड़खड़ाते कदमों से कलाम अब अपने दहलीज को फादना चाहें |परंतु जैसे हीं दहलीज को पर करने की कोशिश किए लड़खड़ाकर गिर गए |लेकिन रोये नहीं,सिर उठाकर इधर-उधर देखा, कि कोई मदद के लिए आया कि नहीं |
जैसे ही ऊपर मुंह उठाया तो देखा कि एक जोड़ी नहीं तीन तीन जोड़ी हाथ उन्हें उठाने के लिए आगे आ गया |नन्हें मिया की आँखे चमक उठी |नन्हें दांत मोतियों की तरह चमक उठे | उन्होने कौतूहल के साथ ऊपर की ओर देखा |
पहली जोड़ी हाथ उनके पिता का था ,दूसरी जोड़ी रामेश्वरम् के बड़े पुरोहित पक्षी लक्ष्मण शास्त्री के थे और तीसरी जोड़ी हाथ आदरणीय फादर बोडल के थे |तब तक नन्हें कलाम अपना गिरना भूल चुके थे | छोटे मिया सड़क में भगवधारी जा रहें तीर्थयात्रियों की ओर संकेत किया |
वे सभी ईश्वर की खोज में जा रहे थे |यह देखकर फादर बोडल ने कहाँ मानो इन्हें सब समझ आ गया हो |ऐसे हीं स्नेह भरे वातावरण नन्हें कलाम का पालन-पोषण हुआ |
APJ Abdul कलाम का पाठशाला
नन्हें कलाम थोड़े बड़े हुए तो पिता ने अरबी स्कूल में दाखिला दिला दिया|इनके पिता हर तरह की शिक्षा दिलाना चाहते थे |इसीलिए पंचायत के प्राथमिक स्कूल में भी भेजते थे | अब नन्हें कलाम बड़े होने लगे |जब भी शिक्षक क्लास में सवाल पुछे इनका हाथ सबसे पहले खड़ा होता था |
वे बहुत ही जिज्ञाशु थे |कभी भी अपने जिज्ञाशा को शांत नहीं कर पाते थे |वे अक्सर ऐसे-ऐसे question पूछा करते थे ,जो उनके उम्र के बच्चे नहीं पुछते |उन्होंने बहुत से विषयों और भाषाओ का ज्ञान पाया |परंतु विज्ञान उनका पसंदीदा विषय था उन्हें विज्ञान बहुत रोचक लगता था |
कलाम जी के teacher बड़े ही आसान तरीके से कठिन विषयों को भी समझा दिया करते थे और अक्सर आस-पास के माहौल से exampale देकर विषयों को समझा देते थे |इस तरह सभी बच्चे आसानी से समझ जाते थे |
APJ अब्दुल कलाम और अध्यापक के बीच स्नेह
एक दिन जब कलाम जी को तेज बुखार था और वे स्कूल न जा पाये|उनके शिक्षक उनके घर आ गए क्योंकि उन दिनों teacher अपने students को अपने परिवार का सदस्य मानते थे |इसीलिए उनके अध्यापक मुत्थु अय्यर कलाम जी के घर आ गए |या जानने के लिए उनका छात्र स्कूल क्यों नहीं आया ?
जब उन्होंने कलाम जी की हालत देखी तो उन्हें आराम करने के लिये कहा |कलाम जी की लिखावट सुंदर नहीं थी |अध्यापक जी सुंदर लिखने के लिए हमेशा प्रेरित करते थे |इसीलिए वे अपने अध्यापकों के सदा आभारी थे |
APJ अब्दुल कलाम जी की शिक्षा
अब कलाम 8वी कक्षा में पहूँच गए थे | कुरान, गीता और बाइबिल तीनों का ज्ञान हो चुका था |अब उन्हें उच्च शिक्षा के लिए शहर में जाना था |स्टेशन पर गाड़ी आने की प्रतीक्षा कर रहे थे |अब्बा रामनाथ पुरम के श्वाटर्ज हायर सेकेन्डरी स्कूल में उनका दाखिला करवाने के लिए लेकर जा रहे थे |
परंतु कलाम को अपने भाई बहनों और अम्मी अब्बू से बहुत स्नेह था |गाड़ी स्टेशन पर आई |पिता ने कंधे पर हाथ रखा और कहा :अल्लाह तुम पर अपनी मेहरबानी रखे मेरे बच्चे |नन्हें कलाम के लिए जीवन का एक यह सबक था |उन्हें अपने लिए रास्ता खुद बनाना था |देश का सिरमौर जो बनाना था |
कलाम अपनी पढ़ाई के प्रति बेहद ईमानदार और मेहनती थे| उनके शिक्षक मानते थे कि उनमें पढ़ने की जबरदस्त इच्छा है। उन्होंने अपनी माध्यमिक पढ़ाई रामनाथपुरम के श्वार्ट्ज सेकेंडरी स्कूल से पूरी की। 1955 में, उन्होंने तिरुचिरापल्ली के सेंट जोसेफ कॉलेज से भौतिकी में डिप्लोमा के साथ स्नातक की उपाधि प्राप्त की।
बाद में वह अपनी शिक्षा को आगे बढ़ाने के लिए मद्रास चले गए, और विमान इंजीनियरिंग में डिप्लोमा के साथ इंजीनियरिंग और प्रौद्योगिकी संस्थान से स्नातक की उपाधि प्राप्त की। सैन्य पायलट बनने का उनका सपना तब टूट गया|
जब भारतीय वायुसेना में केवल आठ स्थान उपलब्ध थे और वह नौवें स्थान पर रहे। स्नातक स्तर की पढ़ाई के बाद, उन्होंने “रक्षा अनुसंधान सेवा” और “वैमानिकी विकास प्रतिष्ठान” के लिए एक वैज्ञानिक के रूप में काम किया।
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APJ अब्दुल कलाम कि संक्षिप्त जीवनी
नाम | APJ Abdul Kalam |
APJ Abdul Kalam का पूरा नाम | अबुल पाकिर जैनुलाब्दीन अब्दुल कलाम |
उपनाम /उपाधि | द मिसाइल मैन ऑफ इंडिया |
जन्म | 15 अक्टूबर, 1931 |
जन्म स्थान | धनुषकोडी गाँव, रामेश्वरम, तमिलनाडु, भारत |
धर्म | इस्लाम |
नागरिकता | भारतीय |
वैवाहिक स्थिति | अविवाहित |
व्यवसाय | ऐरोस्पेस इंजीनियर, राजनीतिज्ञ, वैज्ञानिक, लेखक एवं प्रोफेसर |
मृत्यु | 27 जुलाई 2015 (शिलांग (मेघालय),भारत ) |
APJअब्दुल कलाम के अवार्डस :
1. विज्ञान क्षेत्र में सफलता हासिल करने के लिए इन्हें 1981 में पद्म भूषण और 1990 में पद्म विभूषण से समान्नित किया गया.
2. रक्षा अनुसन्धान क्षेत्र में अपने उल्लेखनीय योगदान के लिए इन्हें 1997 में देश के सर्वोच्च सम्मान भारत रत्न से सम्मानित किया गया
3. वर्ष 1998 में राष्ट्रीय एकता के लिए इंदिरा गाँधी अवार्ड मिला
4. वर्ष 1998 में Abdul Kalam जी को Royal Society, UK द्वारा King Charles II मैडल से सम्मानित किया गया
5. Abdul Kalam जी को विश्वभर की 40 विश्वविद्यालयो से डॉक्टरेट की उपाधि हासिल है.
6. वर्ष 2011 में Abdul Kalam जी को IEEE द्वारा IEEE Honorary Membership में सम्मानित किया गया.
राष्ट्रपति कार्यकाल ख़त्म होने पर Abdul Kalam जी IIM शिलोंग, IIM अहमदाबाद, IIM इंदौर, IIS बंगलौर और अन्य कॉलेज से गेस्ट प्रोफेसर के तौर पर जुड़ गये. साल 2012 में भारतीय युवायों के लिए एक कार्यक्रम “What Can I Give Movement” शुरू किया, जिसका उद्देश्य भारत में भ्रष्टाचार को हराना है|
नोट- कलाम जी की स्पीच सुनने के लिए यहाँ पर क्लिक करें |
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