संज्ञा शब्द का रूप कितने कारणों से बदलता है
संज्ञा शब्द का रूप कितने कारणों से बदलता है – संज्ञा शब्द का रूप किन कारणों से बदलता है |आज हम इस पोस्ट में विस्तृत रूप से जानेंगे | आइये नीचे एक एक करके जानते हैं |जी हाँ यहाँ आपको उचित और बिल्कुल सही शुद्ध जानकारियाँ दी जाती है |
उत्तर- संज्ञा विकारी शब्द है I इसका रूप तीन कारणों से बदलता है I
•1• लिंग, 2• वचन, 3• कारक
लिंग
प्रश्न- लिंग से आप क्या समझते हैं? हिन्दी में ये कितने प्रकार के होते है? उदाहरण सहित लिखिए I
उत्तर – शब्द के जिस रूप से उसके पुरुष जाति या स्त्री जाति के होने का बोध हो, उसे लिंग कहते हैं I हिन्दी में लिंग दो हैं – 1• पुलिंग, •2 स्त्रीलिंग।
1•, पुलिंग – शब्द के जिस रूप से उसकेे पुरुष जाति होने का बोध हो ,उसे पुलिंग कहते है। जैसे- पिता,श्रीधर, घोड़ा, तोता, मोर , पर्वत, महिनों के नाम ,देेश,सागर, रत्न, द्रव्य ,शरीर के अंग, अनाजों के नाम, ऐसे तत्सम संज्ञा जिनका अंत ‘अ’ से होता है, पुलिंग होते है।जैसेे – जीवन , मरण, जल ,अमृत ,नगर, उपवन,आदि।
2• स्त्रीलिंग – शब्द के जिस रूप से उसके स्त्री जाति के होने का बोध हो, उसे स्त्रीलिंग कहते हैं। जैसे –माता , कामिनी, घोड़ी, मोरनी, चिड़िया, इमली, मक्की , अरहर, ज्वार, चाँदी, पृथ्वी, लंका, चाय , आँख, जीभ, नदी, तिथि, भाषा, बोली, गंगा, यमुना, अमावस्या, चतुर्थी, हिन्दी, अंग्रेजी, राजस्थानी, पहाड़ी, खड़ी,
▪︎ऐसे संज्ञा शब्द जिनके अंत में ‘ इ ‘ आता है, जैसे- जाति, भक्ति, मति, अग्नि।
▪︎जिन तत्सम संग्या शब्दों के अंत में ‘आ ‘आता है,वे प्रायः स्त्रीलिंग होते हैं। जैसे- दया, दया, महिमा, कृपा, परीक्षा आदि I
▪︎ऐसे तत्सम संज्ञा शब्द जिनका अंत ‘ उ ‘ से होता प्रायः स्त्रीलिंग होते है। जैसे वायु ,आयु, ऋतु आदि ।
▪︎ शरीर के कुछ अंग भी स्त्रीलिंग होते है— जैसे आँख, जीभ, बाँह, जाँघ आदि ।
▪︎प्रश्न- कुछ ऐसे संज्ञा शब्द बताएं जिनका प्रयोग नित्य पुलिंग या नित्य स्त्रीलिंग में होता है।
उत्तर- कुछ नित्य पुलिंग संज्ञा शब्द निम्नलिखित हैं, बिच्छू, कौआ, उल्लू, मच्छर, खटमल, आदि।
▪︎कुछ नित्य स्त्रीलिंग संज्ञा शब्द है- बुलबुल, तितली, मछली, कोयल, मक्खी, चील, आदि।
▪︎प्रश्न- हिन्दी में लिंग परिवर्तन के नियम बताते हुए उनके उदाहरण लिखिए I
▪︎1• उत्तर- पुलिंग संज्ञा शब्द के अंतिम ‘अ’ अथवा ‘ आ ‘ को ‘ ई ‘ कर देने से स्त्रीलिंग रूप बन जाता है I जैसे- बेटा बेटी I दादा दादी। दास दासी ।
•2 पुलिंग संज्ञा शब्द के अंतिम ‘ आ ‘ को ‘ इया ‘ कर देने तथा पहले दीर्घ स्वर को ह्रस्व कर देने से स्त्रीलिंग रूप बन जाता है। जैसे – बूढ़ा बुढ़िया, चूहा चुहिया, बेटा बिटिया, लोटा लुटिया।
• 3 व्यवसाय सूचक पुलिंग संज्ञा शब्दों के अंत में ‘ इन ‘ होता है, जैसे – मालिक मालकिन, सुनार सुनारिन, धोबी धोबिन ।
•4 पदवी अथवा उपजाति- सूचक पुलिंग संज्ञा शब्दों के अंतिम स्वर को ‘आइन ‘ जैसे- पंडित पंडिताइन , चौबे चौहान , बाबू बबुआइन।
•5 पुलिंग संज्ञा शब्दों के अंतिम ‘ अ ‘ स्वर को आनी में बदलने से ।जैसे- देवर देवरानी, जेठ जेठानी ।
संज्ञा शब्द का रूप कितने कारणों से बदलता है-
•6 पुलिंग संज्ञा शब्द के अंतिम ‘अ ‘ के साथ केवल ‘ नी ‘ जोड़कर जैसे- शेर शेरनी, मोर मोरनी, सिंह सिंहनी, ऊँट ऊँटनी ।
•7 कुछ पुलिंग संज्ञा शब्दों के अंत में ‘ इन ‘ जोड़ने से स्त्रीलिंग रूूप बन जाता है। जैसे- सांप सापिन , बाघ बाघिन ।
• 8 कुछ पुलिंग संज्ञा शब्दों के अंत में ‘ इनी ‘ जोड़ने और दीर्घ स्वर को ह्रस्व में बदलने से स्त्रीलिंग रूप बन जाता है। जैसे- हंस हंसिनी, हाथी हथिनी, स्वामी स्वाामिनी।
•9 ‘ आन् ‘ अंत वाले शब्दों ‘ अती ‘में बदलने से I जैसे- श्रीमान श्रीमती, बुद्धिमान बुद्धिमती , महान महती, भगवान भगवती।
•10 ‘ अंक ‘ से अंत होने वाले पुलिंग संज्ञा शब्दों को ‘ इका ‘ में बदलकर। जैसे- गायक गायिका, धावक धाविका, सेवक सेविका , बालक बालिका।
•11 अकारांत पुलिंग संज्ञा तत्सम शब्दों को आकारांत में बदलने से स्त्रीलिंग रूप बन जाता है। जैसे- अनुज अनुजा, अग्रज अग्रजा, बाल बाला । •12 कभी-कभी पुलिंग शब्दों का स्त्रीलिंग रुप बिल्कुल बदल जाता है, जैसे- विधुर विधवा , विद्वान, विदुषी, कवि कवयित्री, वर वधू ,पिता माता, राजा रानी, ससुर सास , नेता नेत्री, बैल / सांड़ गाय , अभिनेता अभिनेत्री।
•13 कुछ शब्द पुलिंग में भी प्रयोग में लाए जाते हैं I जैसे- तोता, नीलकंठ, कछुआ, उल्लू, बिच्छू, खटमल आद। •14 कुछ शब्द सदा स्त्रीलिंग में ही प्रयुक्त होते हैं I जैसे- मक्खी, चींटी, कोयल, दीमक,तितली , भेड़, मछली आदि I
▪︎विशेष- संज्ञा शब्दों के सदा पुलिंग रूप के साथ नर तथा सदा स्त्रीलिंग रूप के साथ मादा का प्रयोग किया जाता है I जैसे- नर चील, नर बुलबुल, नर मक्खी, मादा तोता, मादा उल्लू, मादा कछुआ, मादा कौआ आदि।
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