Pradhamantri Ke Naam Kisanon Ki Chitthi|प्रधानमंत्री के नाम किसानों की चिट्ठी
Pradhamantri Ke Naam Kisanon Ki Chitthi – भले ही कृषि कानून वापस लेने का स्वागत ,परंतु आंदोलन अभी समाप्त नहीं हुआ है संयुक्त किसान मोर्चा के द्वारा किए गए ईमेल में प्रारम्भ में ही यह लिखा गया है कि,देश के करोड़ो किसानों ने 19 नवम्बर 2021 को राष्ट्र के नाम दिये गए आपके संदेश को सुना|
हमने गौर किया कि 11 बार बात-चीत के बाद आपने दोनों पक्षों के समाधान कि बजाय एकतरफा घोषणा का रास्ता अख़्तियार किया |फिर भी हमें इस बात की खुशी है कि आपने तीनों (3) कृषि कानूनों को वापस लेने की घोषणा की|हम इसका हार्दिक स्वागत करते हैं |लेकिन हम आपसे उम्मीद करते हैं कि आपकी सरकार अतिशीघ्र इस वचन को पूरी तरह निभाएगी|
आपको ज्ञातज्ञात हो कि तीनों काले क़ानूनों को रद्द करना ही इस आल्दोलन की एकमात्र मांग नहीं है |बल्कि संयुक्त किसान मोर्चा ने सरकार के साथ बात -चीत की शुरुवात से ही तीन और मांगे उठाई है|आइये निम्नवत जानते हैं कि वह तीनों मांगें कौन-कौन सी थीं-
संयुक्त किसान मोर्चा की तीन और मांग सरकार से
- किसानों का यह कहना है कि खेती की पूरी लागत पर आधारित न्यूनतम समर्थन मूल्य को सभी फसलों के लिए किसानों का कानूनी हक बना दिया जाय |ताकि देश के प्रत्येक किसान को अपनी फसल पर कम से कम सरकार की ओर से घोषित न्यूनतम समर्थन मूल्य पर खरीद की गारंटी हो सके |(खुद आपकी अध्यक्षता में बनी समिति ने 2011 में तत्कालीन प्रधानमंत्री को यह शिफारिश दी थी और आपकी सरकार ने संसद में भी इसके बारे में घोषणा की थी)
2. सरकार की ओर से प्रस्तावित ‘विद्युत अधिनियम संशोधन विधेयक 2020 /2021’ का ड्राफ्ट वापस लिया जाय| (बात-चीत के दौरान सरकार ने वादा किया था, कि इसे वापस लिया जाएगा|लेकिन फिर वादा खिलाफी करते हुवे इसे संसद कि कार्य सूची में शामिल किया गया था|)
3.राष्ट्रीय राजधानी एरिया (एन सी आर NCR) और इससे जुड़े इलाकों में एयर क्वालिटी मैनेजमेंट के लिए आयोग आधिनियम ,2021में किसानों को सजा देने के प्रावधान हटाये जाएं(इस साल सरकार ने कुछ किसान विरोधी प्रावधान तो हटा दिये ,लेकिन सेक्शन-15 के माध्यम से फिर किसानों की सजा की गुंजाइश बना दी गयी है |
आपके सम्बोधन में इन बड़ी मांगों पर ठोस घोषणा नहीं होने से हम किसानों को निराशा हुई है|किसानों ने आशा लगाई थी कि इस ऐतिहासिक आंदोलन से न सिर्फ तीन कानून से निजात मिलेगी ,बल्कि किसानों को अपनी मेहनत के दाम की कानूनी गारंटी भी मिलेगी |
संयुक्त किसान मोर्चा आंदोलन के अंतर्गत उठे मुख्य मुद्दे जिनका तत्काल निपटारा अनिवार्य
- कई राज्यों में जैसे दिल्ली,हरियाणा,चंडीगढ़ और उत्तरप्रदेश हजारों किसानों को जून 2020 से अब तक सैकड़ों मुकदमों में फसाया गया है |इन केसों को तुरन्त वापस लिया जाय |ताकि किसान वरी हो जाय |
- लखिम पुर खीरी हत्याकांड के सूत्रधार और 120B के अभियुक्त अभय मिश्रा टेनी आज भी खुलेआम घूम रहें और आपके मंत्री मण्डल में मंत्री पद पर आसीन है|इतना ही नहीं वह आपके और अन्य मंत्रियों के साथ मंच भी साझा कर रहे हैं |उन्हें अति शीघ्र बर्खास्त और गिरफ्तार किया जाय |
- इस आंदोलन के दौरान करीब 700 सौ किसानों ने अपने प्राणों को न्योछावर किया है |उनके परिवार जन को मुववजा और पुनर्वास की व्यवस्था किया जाय |शहीद किसानों की स्मृति में एक शहीद स्मारक बनाने के लिए जमीन दी जाय |
प्रधान मंत्री को किसानों का लेटर
प्रधानमंत्री जी,आपने किसानों से अपील की है कि अब आप सभी घर वापस लौट जाय|हम आपको यकीन दिलाना चाहते हैं कि हमें सड़क पर बैठने का शौक नहीं है |हम भी चाहते हैं कि जल्द से जल्द सभी मुद्दों का निपटारा कर अपने परिवार घर और खेती- बाड़ी में लौट जाय |अगर आप यहीं चाहते हैं, तो सरकार इन 6 मुद्दों पर अबिलंब संयुक्त किसान मोर्चा के साथ बात-चीत शुरू करे|
तब तक मोर्चा अपने निर्धारित कार्य क्रम के मुताबिक अपना आंदोलन जारी रखेगा |
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