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Hyderabad Mein Hui Same Sex Marriage

Hyderabad Mein Hui Same Sex Marriage|हैदराबाद में हुआ सेम सेक्स विवाह

Hyderabad Mein Hui Same Sex Marriage- तेलंगाना प्रांत की राजधानी हैदराबाद में दिल्ली के अभय  डांगे (34 साल)और कलकता के सुप्रियो (31साल) ने समलैंगिक विवाह किया |इन दिनों इस शादी की खूब चर्चा है | दोनों ने कहा-खुश रहने के लिए किसी की मंजूरी की जरूरत नहीं है | 8 साल से दोनों एक दूसरे को डेट कर रहे थे |

शादी समारोह में दोनों परिवार के लोग शामिल थे|शादी में सभी रस्मों रिवाजों को सिद्दत से पूरी की गयी |जैसे -महदी ,संगीत और जीतने रस्म होते है, सभी को पूरा किया गया| भारतीय विवाह कानून के मुताबिक इस विवाह को रेजिस्टर्ड तो नहीं करा पाएंगे |लेकिन खुश तो रहेंगे |कई लोग तो समाज के डर से अपनी असलियत को उजागर नहीं कर पाते |

अपनी वास्तविकता को स्वीकार करना दिलेरी कही जाती है | यह मेरी सोच है | भगवान ने जिसको जैसे बनाया है समाज को भी उसे स्वीकार करना चाहिए |समाज में सबको अपने अनुसार रहना चाहिए | आपको बता दें कि सुप्रियों चक्रवर्ती और अभय डांगे की मुलाक़ात 8 साल पहले एक सोशल नेटवर्क प्लेटफॉर्म प्लैनेटरोमियो पर हुई थी |दोनों ने अक्तूबर में शादी की घोषणा की थी |

दिल्ली के अभय डांगे सॉफ्टवेयर डेवलपमेंट मैनेजर हैं | वे हैदराबाद में ही एक मल्टीनेशनल कंपनी में काम करते हैं |सुप्रियो होटल मैनेजमेंट लाइन में हैं |वो शिक्षा के क्षेत्र से भी जुड़े हैं |सुप्रियों और अभय ने रिंग सेरेमनी से पहले बैचलर्स पार्टी की तस्वीरें सोशल मीडिया पर शेयर की | दोनों ने ‘ग्रुम टु बी’ का टैग पहना हुआ था |

18 दिसंबर  को दोनों ने परिवार और दोस्तों की मौजूदगी में एक दूसरे को अंगूठी पहनाकर सगाई की रस्म पूरी की |सगाई का कार्य-क्रम हैदराबाद में ही रखा गया था |शादी में मौजूद कुछ लोगों का कहना था की अब धीरे- धीरे लोगों की सोच बादल रही है |माँ बाप भी ऐसे रिलेशन को मंजूर कर रहे हैं |

समारोह में बंगाली और पंजाबी परम्पराओं के साथ हल्दी, मेहदी ,और संगीत का कार्य क्रम भी हुआ |फिर अभय ने सुप्रियों के लिए ‘आए हो मेरे जिंदगी में तुम बाहर बनके‘ गाना गया | इस विवाह को LGBTQ समुदाय से संबंध रखने वाली सोफिया डेविड ने करवाई |इस विवाह में पंजाबी और बंगाली दोनों रस्में  निभाई गई |

इसे तेलंगाना का प्रथम सेम सेक्स मैरेज बताया जा रहा है |सुप्रियों ने अपने सोशल मीडिया पर शादी की तसवीरों को साझा किया इन तसवीरों में उनकी माँ उन्हें चूमते हुवे आशीर्वाद देती नजर आ रही हैं |उनकी माँ ने उनके लिए मिठाई भी बनाई थी |शादी के बाद सुप्रियो चक्रवर्ती ने कहा कि हम काफी खुश हैं और हमने समाज को एक खास संदेश भी दिया कि खुश रहने के लिए किसी की इजाजत की जरूरत नहीं है |

यह बात सही भी है,देश आजाद है सभी आजाद हैं |जहां माँ बाप की मंजूरी हो , दोनों के परिवार सहमत हैं तो फिर किसकी इजाजत की आवश्यकता है | इसी सिलसिले में ‘उद्धव गोपी संवाद की कुछ पंक्तियां याद आ रही है |बात उस सामय कि है, जब उधव जी गोपियों को कृष्ण को भूलने के लिए उपदेश दे रहे थे |

गोपियों ने बड़े सहजता से उधव जी को जवाब दिया : “उधो मन माने की बात ,दाख छोहड़ा छाड़ी अमृत फल, विष कीरा विष खात, उधो मन माने की बात” |उद्धवजी लौट आते हैं |गोपियों ने ऐसा पाठ पढ़ाया की खुद उद्धवजी प्रेम भक्ति में लीन हो कर लौट आए | स्वतन्त्रता सभी को पसंद है |

अपने इच्छानुसार सभी अपने पसंद की जिंदगी जीना चाहते हैं |इसीलिए किसी के ऊपर अपना विचार थोपना अनुचित है |सबको अपने मन का पोशाक और भोजन के साथ जीवन जीना चाहिए | यह मेरी सोच है |

QNA

1.प्रश्न – भारत के किस राज्य में पहली सैमलैंगिक शादी हुई है ?

उत्तर- जुलाई 2018 में कोच्चि के आईटी प्रोफेशनल निकेश उषा पुष्करन और सोनू एमएस ने गुरुवायुर मंदिर में अंगूठियाँ बदलकर शादी कर ली थी |दिसंबर 2019 में निवेद एंटनी चुल्लीकल और अब्दुल रहीम केरल में ही दूसरे समलैंगिक जोड़े बने थे |

2.प्रश्न- क्या समलैंगिक संबंध अपराध है ?

उत्तर – 6सितंबर 2018 को समलैंगिक संबंध अपराध नहीं : सुप्रीम कोर्ट |धारा 377को पहली बार कोर्ट में 1994 में चुनौती दी गई थी| 24साल और कई अपीलों के बाद सुप्रीम कोर्ट के पाँच न्यायधीशों की  खंड पीठ ने अंतिम फैसला दिया |चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा ने कहा- कि जो भी जैसा है उसे उसी रूप में स्वीकार किया जाना चाहिए |समलैंगिक लोगों को सम्मान के साथ जीने का अधिकार है |

संवैधानिक पीठ ने माना कि समलैंगिकता अपराध नहीं है और इसे लेकर लोगों की सोच बदलनी होगी | आत्म अभिव्यक्ति से इंकार करना मौत को आमंत्रित करना है |व्यक्तित्व को बदला नहीं जा सकता है |यह खुद को परिभाषित करता है यह व्यक्तित्व का गौरवशाली रूप है |

शेक्सपियर ने कहा था- कि नाम में क्या है |वास्तव में इसका मतलब था कि जो मायने रखता है वो महत्वपूर्ण गुण और मौलिक विशेषताएँ हैं न कि किसी व्यक्ति को क्या कहा जाता है | 

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