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Kaun Hain India Ke Yuwa Judge सोशल मीडिया से रहे हमेशा दूर भारतीय युवा जज मयंक प्रताप सिंह  

Kaun Hain India Ka Yuwa Judge| सोशल मीडिया से रहे हमेशा दूर भारतीय युवा जज मयंक प्रताप सिंह ,2022 

Kaun Hain India Ke Yuwa Judge- भले ही कोई कुछ भी कहे पर लक्ष्य को प्राप्त करनेवाला व्यक्ति सिर्फ अपनी लक्ष्य की ओर केन्द्रित रहता है |

युवा जज मयंक प्रताप सिंह जी कहते हैं कि कुछ साथी सोशल मीडिया से दूर रहने से मेरा मज़ाक उड़ाते थे| परंतु मुझे उससे कोई फर्क नहीं पड़ता |मुझे जहाँ अति महत्वपूर्ण लगता था तभी किसी समारोह में भी जाता अन्यथा नहीं जाता था |इसे कहते है लक्ष्य की चाहत |

21 साल के मयंक प्रताप सिंह, न्यायिक सेवा परीक्षा 2018 पास करने के साथ ही भारत के सबसे कम उम्र के  जज बन गए हैं। मयंक राजस्थान के जयपुर शहर के रहने वाले हैं।

मयंक प्रताप सिंह ने अपने साकक्षात्कार में समाचार एजेंसियों को बताया कि मैं हमेशा न्यायिक सेवाओं और समाज में न्यायाधीशों को जब सम्मानित किया जाता था , तो मैं बहुत खुश होता था और  मिलने वाले सम्मान के प्रति आकर्षित होता रहता था ।

राजस्थान के 21 वर्षीय मयंक प्रताप सिंह

देश के सबसे युवा न्यायाधीश बनने वाले हैं। उन्होंने राजस्थान न्यायिक सेवा भर्ती परीक्षा (आरजेएस)-2018 में टॉप किया है। इस उपलब्धि के साथ ही उन्होंने 23 साल की उम्र में सबसे युवा जज होने का पूर्व रिकॉर्ड तोड़ दिया।

आपको बता दें कि इस वर्ष आरजेएस में अभ्यर्थी की न्यूनतम उम्र सीमा को 23 से घटाकर 21 वर्ष का किया गया था। जिसका लाभ मयंक प्रताप सिंह साहब को प्रथम अवसर में ही मिल गया |

मयंक जयपुर में रहते हैं, इनके माता-पिता सरकारी स्कूल में शिक्षक हैं और बड़ी बहन इंजीनियर हैं। इन्हें यह सफलता अपने पहले ही प्रयास में मिली। मयंक ने इसी साल राजस्थान विश्वविद्यालय से पांच वर्ष की एलएलबी डिग्री प्राप्त की। पढ़ाई के दौरान ही उन्होंने न्यायिक सेवा को लक्ष्य बना लिया था|

लेकिन वह सोच रहे थे कि परीक्षा में बैठने की न्यूनतम उम्र 23 साल पूरी होने तक वह कोचिंग से तैयारी करेंगे। जब वे कोर्स के अंतिम वर्ष में आए तो आरजेएस के लिए उम्र का नया नियम लागू हुआ और मयंक ने इसे एक अवसर की तरह लिया। जिसका परिणाम आज भारत के सबसे कम उम्र के युवा जज बन गए |

उन्होंने अपनी स्तानक की अंतिम परीक्षा के मात्र दो महीने बाद ही आरजेएस का पेपर देकर परीक्षा पास कर ली।  9 नवंबर को उनका साक्षात्कार हुआ जिसमें सबरीमाला से जुड़े प्रश्न पूछे गए।

मयंक कहते हैं कि  मुझे विश्वास था की मैं सेलेक्ट हो जाऊंगा| लेकिन यह मैं कभी नहीं सोचा था कि प्रथम रैंक लाकर रिकॉर्ड कायम कर दूंगा । यह मेरी मेहनत और बड़ों के आशीर्वाद से प्राप्त हुआ है |

मैं नियमित 11 से 12 घंटे पढ़ाई करता था |मेरा यह टार्गेट रहता था कि परीक्षा से पहले मेरा सिलेबस कंप्लीट हो जाय |इनके पिताजी कहते हैं कि मयंक हमेशा से ही पढ़ाई में सजग रहता था और स्कूल में टॉप करता था |मयंक का कहना है  कि वह ईमानदारी से न्यायिक सेवा देंगे।

मैंने लोगों को न्यायपालिका पर भरोसा करते देखा है |लोग न्याय के लिए इधर उधर भागते फिरते हैं |इसीलिए मैंने इस विभाग को अपना करियर चुना |आज पूरे देश में चारों तरफ मयंक कि ही चर्चा है |चाहे वो फेसबूक हो चाहें वो व्हाट्स अप्प हो या इंस्टाग्राम व ट्विटर  सभी जगह इनका  फोटो ,शेयर किया जा रहा है |

बड़े बुजुर्ग अपने बच्चों को इनकी तस्वीर दिखा दिखाकर खुश हो रहे है |कह रहे हैं बेटा खूब मेहनत करो तुमभी एक दिन मयंक जैसे बन जाओगे |पूरे शहर में मिठाइयाँ बांटी जा रही हैं |

सभी लोग सोशल मीडिया के माध्यम से मयंक को बधाई दे रहे हैं |माला पहना रहे हैं |ऐसे होती हैं माँ बाप की उनके बच्चो से पहचान |रास्ते चलते लोग कहेंगे ,देखो मयंक के मम्मी-पापा जा रहे हैं |

Biography of Mayank Pratap Singh

 

नाम मयंक प्रताप सिंह
जन्म सन-1999, date नहीं पता
पिता का नाम राजकुमार सिंह (शिक्षक )
माता का नाम मंजु सिंह (शिक्षिका )
शिक्षा पंचवर्षीय LLB डिग्री
यूनिवर्सिटी राजस्थान यूनिवर्सिटी
उम्र 21 वर्ष

 

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