Jane Ramjan Kaise Manate Hain| रमजान कैसे मानते हैं
Jane Ramjan Kaise Manate Hain – हमारे हिन्दी आर्टिकल में आप सभी का बहुत- बहुत स्वागत है। भले ही भारत में कुछ लोग महज के नाम पर अफवाहें फैलते हैं |लेकिन जब त्योहारों की बात आती है तो बच्चों और बड़ो में बड़ा उत्साह रहता है | सभी धर्म के लोग एक साथ त्योहार मानते हैं |आइए आज के इसआर्टिकल में जानते हैं, कि रामजान कैसे मनाया जाता है।
रामजान कैसे मनाते है –
Ramjan
जब दिखा रामजान का चाँद तो दुआ माँगी रौशन सितारा दिखा तो अल्लाह से सबकी ख़ैरियत माँगी
हे खुदा दुनिया से रंजिशे हटादे हर धर्म से भेद भाव मिटादे हम इंसान है इंसान ही रहें हमारे अन्दर की हैवानियत मिटादे
रामजान के महीने में रोजे के दौरान मुस्लिम समुदाय द्वारा दिन भर में भोजन और जल ग्रहण नहीं किया जाता। साथ ही इस दैरान बुरी आदतों जैसे -सिगरेट, तम्बाकू का सेवन बिलकुल मना होता है!
रोजे रखने वाले व्यक्ति द्वारा सूर्य उगने से पहले अपने इच्छानुसार भोजन करना उचित है। दिन भर रोजा रखने के बाद शाम को रोजा रखनेवाला व्यक्ति जिस भोजन को ग्रहण करता है उसे इफ्तार के नाम से जाना जाता है ।
रमजान के महीने में रोजा रखने वाला व्यक्ति अपना रोजा खजूर खाकर तोड़ता हैं, क्योंकि इस्लामिक मान्यताओं के अनुसार अल्लाह के दूत को अपना रोजा खजूर खाकर तोड़ने को कहा गया था और तभी से ही रोजेदार इफ्तार में खजूर खाते हैं।
इसके अलावा खजूर खाना सेहत के लिए भी लाभकारी होता है. विज्ञान के अनुसार खजूर पेट की दिक्कतों, लीवर एवं अन्य कमजोरियों को दूर करने में मददगार सिद्ध होता है। इसलिए रोजा रखनेवाला प्रत्येक इंसान खजूर खाकर रोजा तोड़ता है।
रमजान का यह महीना ईद-उल-फितर से समाप्त होता है, जिसे मीठी ईद भी कहा जाता है। यह दिन सभी मुस्लिम समुदाय के लोगों के लिए हर्षोल्लास सेे भरा होता है । वे इस दिन नए कपड़े पहन कर सज-धज के मस्जिद में या ईदगाह जाते हैं और वहां नमाज पढ़कर खुदा को शुक्रिया अदा करते हैं।इतना ही नहीं एक दूसरे से गले मिलते हैं और बधाईयां देते है।
रामजान के इस पवित्र महीने में पूरे महीने मुस्लिमों द्वारा रोजे रखे जाते हैं, मान्यता है कि रोजे रखने वाले व्यक्ति की ईश्वर द्वारा उसके सभी गुनाहों को माफ कर दिया जात है।
अतः प्रत्येक मुसलमान के लिए रमजान का महीना साल का सबसे विशेष माह होता है! मान्यता है कि रमजान के महीने में जन्नत के दरवाजे खुले रहते हैं, अतः अल्लाह के प्रति श्रद्धा रखने वाले सभी मुस्लिमो द्वारा रमजान में रोजे रखे जाते हैं. तथा रमजान के बाद मुस्लिमो द्वारा ईद के त्योहार को मनाया जाता है!
इस्लाम धर्म की मान्यताओं के मुताबिक रमजान का महिना खुद पर नियंत्रण एवं संयम रखने का महीना होता है। अतः रमजान के महीने में मुस्लिम समुदाय द्वारा रोजे रखने का मुख्य कारण है “गरीबों के दुख दर्द का” निवारण अल्लाह द्वारा किया जा सके।
इस्लामिक मान्यताओं के अनुसार रमजान के महीने में रोजे रखकर दुनिया में रह रहे गरीबों के दुख दर्द को महसूस किया जाता है!रोजे के दौरान संयम का तात्पर्य है कि आंख, नाक, कान, जुबान को नियंत्रण में रखा जाना क्योंकि रोजे के दौरान बुरा न सुनना, बुरा न देखना, न बुरा बोलना और ना ही बुरा एहसास किया जाता है।
इसके साथ ही यह भी मान्यता है कि गर्मी में रोजा रखने वालों के पाप धूप की अग्नि में जल जाते हैं तथा मन पवित्र होता हो जाता है ।इतना ही नहीं सारे बुरे विचार रोजे के दौरान हृदय से निकल जाते हैं।