Finencial Planning Kaise Karen In Hindi| में फाइनेंसियल प्लानिंग करने से पहले आप अपने आर्थिक लक्ष्यों का निर्धारण करें:
Finencial Planning Kaise Karein In Hindi– अपने आर्थिक लक्ष्यों को हासिल करने के लिए अपने आय से बचत कर पैसों का सही तरीके से निवेश करना हीं फाइनेंशियल प्लाननिंग कहलाता है |आइए निम्नवत जानते हैं Finencial Planning Kaise Karein In Hindi |
अलग अलग व्यक्तियों की जरूरतें अलग- अलग होती है | इसलिए प्रत्येक व्यक्ति को अपने आर्थिक लक्ष्यों को ध्यान में रखकर ही फाइनेंसियल प्लानिंग करनी चाहिए |इसके लिए किसी फाइनेंसियल प्लैनर (आर्थिक सलाहकार ) की सहायता भी लिया जा सकता है |
उसके पास काफी अनुभव होता है| जिसका हमे काफी फायदा मिलता है |फाइनेंसियल प्लानिंग करते समय सबसे पहले अपने आर्थिक लक्ष्यों का निर्धारण करना होता है और अपने आर्थिक लक्ष्यों लक्ष्य के अनुसार ही अपने निवेश का समय और योजनाओं का चयन करना होता है |
फाइनेंसियल प्लानिंग सही समय और सही तरीके से हो तो आप अपने आर्थिक लक्ष्यों को आसानी से प्राप्त कर सकते हैं | आइये अब हमलोग फाइनेंसियल प्लानिंग के विभिन्न विंदुओं को विस्तार से जानते हैं:-
फाइनेंसियल प्लानिंग कब करनी चाहिए :
जब भी आप नौकरी या व्यवसाय शुरू करते हैं और आपकी आय शुरू हो जाती है| उसी समय ही आपको अपनी फाइनेंसियल प्लानिंग शुरू कर देनी चाहिए | यानि युवावस्था में ही फाइनेंसियल प्लानिंग करनी चाहिए , इसका बहुत फायदा होता है |
युवावस्था में जिम्मेवारियाँ नहीं होने से जोखिम लेने की क्षमता ज्यादा रहती है और अपने लक्ष्यों को हासिल करने के लिए समय भी काफी रहता है | इससे आप थोड़ा ज्यादा रिश्क लेकर ज्यादा रिटर्न वाले योजनाओं का चयन कर अधिक रिटर्न पा सकते हैं |
फाइनेंशियल प्लाननिंग क्यों जरूरी है :
कहा जाता है की धन कमाना जितना जरूरी है उतना ही जरूरी धन को संचय करना आवश्यक है | हमे अपने भविष्य को सुखी और सुदृढ़ बनाने के लिए अपने आय से बचत कर उसे सही तरीके से निवेश करना चाहिए |
सही फाइनेंसियल प्लानिंग से आपको भविष्य के विभिन्न लक्ष्यों को प्राप्त करने में काफी सहुलियत मिलती है | अगर हम कमाने के साथ – साथ निवेश की सही प्लानिंग नहीं करते हैं तो भविष्य मे काफी आर्थिक समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है |
अपने आर्थिक लक्ष्यों का निर्धारण करें:
आर्थिक लक्ष्य का मतलब यह होता है कि आपको भविष्य में कब और किस काम के लिए पैसा चाहिए| इसमें परिवार के लिए इन्शुरेंस द्वारा आर्थिक सुरक्षा, बच्चों की शिक्षा ,शादी , मकान खरीदना इत्यादि आता है | प्राथमिकता के आधार पर हम अपने लक्ष्यों को इस प्रकार बाँट सकते हैं|
1. आवश्यक लक्ष्य :
(a)टर्म इंसुरेंस (Tearm Insurance) यह जीवन बीमा का एक प्रकार है ,जिसके द्वारा आपको और आपके परिवार को आर्थिक सुरक्षा मिलती है |इसके तहत यदि आपकी अचानक मृत्यु हो जाती है तो उसके उपरांत आपके परिवार को एक मुश्त अच्छी रकम मिल जाती है
|जिससे आपके नहीं रहने पर आपके परिवार को दर-दर की ठोकरें नहीं खानी पड़ती है |इसीलिए टर्म प्लान का आप अपनी आर्थिक स्थिति के अनुसार चयन करें |
(b) स्वास्थ्य बीमा – (Health Insurance)मानव का स्वस्थ जीवन ही सबसे बड़ी पूँजी है |आज के समय में चिकित्सा इतनी महंगी हो गयी कि जिसे ध्यान में रखते हुए हमें स्वास्थ बीमा लेना अति आवश्यक है |परिवार में यदि किसी सदस्य को कोई गंभीर बीमारी हो जाती है तो स्वास्थ बीमा नहीं रहने पर जमा की गई सभी धनराशि खर्च हो जाती है और परिवार काफी तंगी हलात में आ जाता है |
ऐसे में अपनी आर्थिक क्षमतानुसार पूरे परिवार का स्वास्थ बीमा आवश्य कराएं |यदि आप नौकरी में है और आपके नियोक्ता ( विभाग ) द्वारा भी यदि स्वास्थ्य बीमा की सुविधा मिली है फिर भी आपको अलग से पूरे परिवार का स्वास्थ्य बीमा कराना चाहिए | बाज़ार मे बहुत सारे कंपनियों के हेल्थ इंसुरेंस प्लान उपलब्ध है आप तुलना करके अच्छी पॉलिसी चुन सकते हैं |
(c ) इमेर्जेंसी फ़ंड (Emergency Fund) – आपको अपने 6 महीने के आय के बराबर का एक फ़ंड बनाना चाहिए जिससे अचानक आने वाले आर्थिक संकट से निपट सकें | इस पैसे का निवेश भी ऐसे जगह होनी चाहिए जहाँ से आप जब चाहें पैसा निकाल सकें|
(d) रिटायरमेंट प्लानिंग ( Retairment Planning) – आपको रिटायरमेंट के लिए कितना पैसा चाहिए इसका भी एक आकलन करना होगा| उसके अनुसार आपको उसके निवेश की प्लानिंग करनी होगी | आजकल बाजार मे बहुत सारे कंपनियों के रिटायरमेंट प्लान मौजूद हैं उनमें तुलना करके आप आपने लिए बेहतर प्लान चुन सकते हैं |
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वैकल्पिक लक्ष्य :
(a ) मकान खरीदना – आपको मकान कब खरीदना है और उसके लिए उस समय कितने रूपये की आवश्यकता होगी इसका आकलन करके आप सही जगह पर निवेश करके अपना फ़ंड बना सकते हैं |
(b) बच्चों की उच्च शिक्षा – बच्चों की उच्च शिक्षा पर उस समय के हिसाब से कितने रकम की आवश्यकता होगी इसका आकलन करके उसके लिए निवेश की प्लानिंग करनी होगी|
(c) बच्चों की शादी पर होने वाला खर्च – बच्चों की शादी कब करनी है और उस समय उसके लिए कितने रकम की जरूरत पड़ेगी इसका आकलन करके निवेश की प्लानिंग करनी होगी |
(d) कार खरीदना – अब सभी आवश्यक कार्यों को करने के बाद आता है कार खरीदना | हर व्यक्ति का सपना होता है कि हम अपने परिवार के साथ कार में कहीं घूमने जायें| फाइनेसियल प्लानिंग से यह निश्चित ही संभव है |
(e ) अन्य कोई यदि हो – उपर सारे लक्ष्य कॉमन सबके लिए होता ही है यदि इसके अलावा भी आपका कोई लक्ष्य हो तो उसे जरूर शामिल कर लें |और उसके अनुसार ही फाइनेंसियल प्लानिंग करें |इस तरह से आप अपनी फाइनेंसियल प्लानिंग कर सकते हैं |
इसके बाद आता है कि अपने फाइनेंसियल प्लानिंग मे निर्धारित आर्थिक लक्ष्यों को हासिल करने के लिए निवेश कहाँ और कैसे करनी चाहिए |
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8 आसान तरीको से खुद फाइनेंसियल प्लानिंग कैसे करें |Finencial Planning Kaise Karein In Hindi
- एक आपातकालीन फंड बनाये …
- टर्म इंश्योरेंस ख़रीदे (खासकर यदि आपके ऊपर कोई निर्भर हो) …
- मेडिक्लेम ख़रीदे …
- ज्यादा से ज्यादा बचत करे …
- पैसे को समझदारी से निवेश करे …
- रिटायरमेंट प्लानिंग …
- अपने वित्तीय लक्ष्य को विभाजित करे …
- वसीयत बनाये
FAQ
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