Biography of meera bai chanoo|मीरा बाई चानू की जीवनी
जब इंसान हार से चोट खाता है तब उसकी जीत की सफलता को कोई रोक नही सकता | कुछ ऐसे ही हालात से गुजरी हैं हमारी भारत की बेटी और मणिपुर की लाढली मीरा बाई चानू |आइये आपको मीरा बाई चानू के जीवनी से रूबरू कराती हूँ |
जहां भारत के कई राज्यों में आज भी बेटियों को अभिशाप माना जाता है वहीं नौर्थ ईस्ट में बेटियों को हर क्षेत्र में अपना करियर चुनने की आजादी है |आज भारत का मस्तक गर्व से उच्चा करनेवाली मीरा बाई चानू किसी परिचय की मुहताज नहीं हैं | महिलाओं के वेट लिफ्टिंग समूह में बहुत बड़ा नाम है |
मीरा बाई चानू भारत की महिला खिलाड़ियों में आज एक उत्कृस्ट नाम है | हाल ही में इन्होंने कॉमन वेल्थ गेम में प्रथम स्वर्ण पदक हासिल कर भारत का नाम दुनिया में रौशन किया |आपको जानकार अति प्रसन्नता होगी की इस दौरान मीरा ने 6 लिफ्टिंग में 6 रिकार्ड तोड़कर 48 किलो ग्राम में प्रथम स्थान प्राप्त किया |इसी सत्र में भारत सरकार ने इन्हें पद्मश्री से भी सम्मानित किया है, जो कि एक सर्वश्रेठ सम्मान है | भारत को इनके प्रदर्शन को देखते हुवे आगे भी कई उम्मीदें है |
Table of contents
1.मीरा बाई चानू जीवनी 1.1 मीरा बाई चानू वर्ल्ड रेकॉर्ड( meera word record) 1. 2 मीरा बाई चानू कोच 1.3मीरा बाई चानू जन्म तिथि ( date of birth ) 1.4 मीरा बाई चानू रजत पदक |
मीरा बाई चानू का जीवन परिजय:
नाम Name | साईखोम मीरा बाई चानू |
जन्म तिथि Date of birth | 08/08/1994 |
निवास Residence | मणिपुर |
नागरिकता Nationality | भारतीय |
धर्म Religion | हिन्दू |
पेशा Occupation | खिलाड़ी |
खेल Game | वेट लिफ्टिंग |
लंबाई Hight | 4फिट 11 इंच |
वजन Weight | 48केजी |
कूल मैडल total medal | 3 गोल्ड 1 सिल्वर |
कोच Coach | कुंजरानी देवी |
मीरा बाई चानू रजत पदक :
आज सम्पूर्ण भारत वासी मीरा बाई चानू के वेट लिफ्टिंग प्रतियोगिता में प्राप्त रजत पदक से गौरवान्वित महसूस कर रहा है |इस जीत से भारत को ओलंपिक में प्रथम पदक हासी हो गया है |
मीरा बाई चानू का डेट ऑफ बर्थ :
मीरा बाई चानू का जन्म भारत देश के मणिपुर राज्य के इम्फाल में हुआ है | इनका जन्म स्थान मणिपुर के पूर्व में स्थित है| इनका जन्म दिनांक 8.8.1994 में हुआ |
मीरा बाई चानू कोच ( Meera bai chanoo Coach)
कुंजरानी देवी मीरा बाई चानू कि कोच हैं| वह भी जानी मानी वेट लिफ्टिंग महिला खिलाड़ी हैं |कुंजरानी देवी भी मणिपुर इम्फाल कि ही निवासी हैं जो इनकी हौसला सामी समय समय पर बढ़ाते रहती हैं |इन्हें कभी भी निराश नहीं होने देती हैं |
मीरा बाई चानू वर्ड रेकार्ड्स(Meera bai chanoo Word Record):
मीरा बाई एक भारोत्तोलक महिला खिलाड़ी हैं जिन्होंने 24 वर्ष कि उम्र में कई रेकॉर्ड किया है |जिसका विवरण निम्नवत है-
- मीरा बाई एक भारोत्तोलक महिला खिलाड़ी हैं |इन्होंने 2017 में विश्व स्तरीय आयोजित वेट लिफ्टिंग चैंपियन में हिस्सा लेकर 48 किलोग्राम वर्ग में स्वर्ण पदक हासिल किया था |इतना ही नहीं 2014 में ग्लासो में आयोजित कॉमन वेल्थ गेम में भी 48केजी वर्ग में रजत पदक प्राप्त किया था |
- 2018 में भी मीरा ने कॉमन वेल्थ गेम में स्वर्ण पदक प्राप्त कर भारत को प्रथम गोल्ड मेडल से गौरवान्वित किया | यह भी 48 किलो ग्राम वेट लिफ्टिंग के ही अंतर्गत था |
- 2016 में आयोजित रियो ओलंपिक में भी रिया का चयन हुआ था |परंतु दुर्भाग्यवश मीरा के हाथ निराशा ही लगी | कोई मेडल भारत के लिए नहीं ला पाईं|
- खिलाड़ी अपने देश में भले ही हजारों बार जीत हासिल कर ले| परंतु विश्व स्तर पर जीत हासिल करने के उनकी ललक सदा बनी रहती है | 2016 में आयोजित बारहवें साउथ एशियन गेम्स में भी चानू नें गोल्ड मेडल प्राप्त किया|
जब राज्य का नाम नाम रौशन हो तो भला राज्य का राजा क्यों न खुश हो |सम्मान के रूप में इन्हें तत्कालीन मुख्यमंत्री नें 20 लाख रुपए की धन राशि देकर सम्मानित किया थे |
मीरा के अलावा पुरुष वर्ग में भी वेट लिफ्टिंग में आज गुरूरजा ने भी रजत पदक हासिल क्या |
नौर्थ ईस्ट की बेटियाँ जितनी सुंदर और कोमल दिखती हैं उतनी ही ताकतवर होती हैं| जैसे -मैरी कौम का नाम कौन नहीं जानता|
जुलाई 2022 राष्ट्र खेल मण्डल
भारत की दिग्गज वेटलिफ्टर मीराबाई चानू ने 2022 राष्ट्रमंडल खेलों में भारत को पहला स्वर्ण दिलाया है। उन्होंने 49 किलोग्राम भारवर्ग में कुल 201 किलो का वजन उठाया और स्वर्ण पदक अपने नाम किया। इस जीत से मीराबाई चानू काफी खुश हैं। वह इस जीत को वर्ल्ड चैंपियनशिप की तैयारियों के तौर पर देख रही हैं। साथ ही उन्होंने इस पदक को अपने परिवार और कोच को समर्पित किया है।
Peom on Meera bai Chaanoo:
कविता
टूट कर चाँदी सा चमकना ,
ओ आँसू ओ जख्म और ओ जज़्बा |
क्या होता है सीखा गई मीरा बाई चानू ,
तोड़ भ्रम का कब्ज़ा|
ओ कहते हैं सफलता का कोई,
शौट कट नहीं होता है |
कड़ी मेहनत से मिलती है कामयाबी,
तब बड़ा फक्र होता है |
नज़रें टिकाये थे,
करोड़ों हिंदुस्तानी |
जब भार उठाई ,
ओ मणिपुरी मर्दानी|
याद कर वह 2016 को ,
धीरज खो रहे थे |
जब रियो ओलंपिक में चानू के,
प्रयास विफल हुवे थे |
रियो ओलंपिक याद कर ,
चानू के नयन भरी आयो |
लाख प्रयास के बाद भी ,
कछु हाथ नहीं आयो |
अबकी हार ना मानूँगी माँ,
तेरी लाज बचाउंगी |
निरंतर अभ्यास करूंगी,
मेडल लेकर आऊँगी |
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नोट :आज बेटियाँ च्नांद पर परचम लहरा रहीं हैं | प्लीज़ हमारी नौर्थ ईस्ट के बेटों और बेटियों का उत्पीरण नहीं करें | देश के सभी राज्यों में उत्कृष्ट और सर्वश्रेष्ठ राज्य नौर्थ ईस्ट में ही है |वहाँ की प्रकर्तिक छटा और सुंदरता को बनाएँ रखें किसी प्रकार से इनको ह्रास ना करें|
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