Bhojpuri Sohar Geet Lyrics Hindi| भोजपुरी सोहर गीत लीरिक्स
Bhojpuri Sohar Geet Lyrics Hindi-बिहार और उत्तर प्रदेश में बेटे के जन्म पर उत्सव मनाया जाता है |मंगल गीत गाये जाते है |जिसमें नाते रिश्तेदार और पतिदरी के सभी पुरुष और महिला को बुलाया जाता है और आँगन में मंगल गीत के रूप में सोहर बधाई गीत महिलाओं द्वारा गया जाता है | तत्पश्चात मिष्ठान एसडी सबका मुह मीठा कराया जाता है |इसी क्रम जो सोहर गीत गया जाता है ,वह नीचे क्रमानुसार लिखा गया है |
1अंगना में कुइयाँ खोनाइले
अंगना में कुइयाँ खोनाइले, पीयर माटी नू ए,
ए ललना जाहिरे जगवहु कवन देवा, नाती जनम लिहले हो।
नाती जनमले त भल भइले, अब वंस बाढ़हू ए।
ए ललना देह घालऽ सोने के हँसुअवा,
बाबू के नार काटहु ए।
ए ललना देइ घालऽ सोने के खपड़वा,
बाबू के नहवाईवि ए।
ए ललना जाहि रे जगवहु कवन देवा,
नाती जनम लिहले ए ।
नाती जनमले त भल भइले, अब वंस बाढ़हु ए ।
ए ललना देई घालऽ रेशमऽ के कपड़वा,
जे बाबू के पेनहाइवि ए ।
2. बबुआ बइठले नहाए
बबुआ बइठले नहाए त सासु निरेखेली ए,
ललना कवना चेली के लोभवलु त,
गरभ रहि जाले नू ए।
पुत मोरे बसेले अयोध्या, पतोहिया गजओबर ए,
ए सासु भंवरा सरीखे प्रभु अइले,
गरभ रहि जाले नू ए।
मोरे पिछुअरवा पटेहरवा भइया, तूहू मोरे हितवा नू ए,
बिनी द ना रेशमऽ के जलिया त,
छैला के भोराइवि हे।
बिनि देहले रेशमऽ के जलिया, रेशम-डोरिया लगाई देहले ए
लेहि जाहु रेशम के जलिया, छैला के भोरावऽहु ए ।
सुतल बाड़ू कि जागलऽ सासु,
चिन्ही लऽ आपनऽ पुतवा अछरंगवा मत लगावऽहु ए।
3.जेठ बइसखवा के पुरइन
जेठ बइसखवा के पुरइन लहर-लहर करे,
ताहि कोखी धिअवा जनमली त पुरुख बेपछ परले हे ।
मइले ओढ़न, मइले डासन, कोदो चउरा पंथ भइले,
रेंडवा के जरेला पसंगिया, निनरियो नाहि आवेले ए।
लाले ओढ़न, लाल डासन, बसमती चउरा पंथ भइले,
चनन के जरेला पसंगिया, निनरिया बलु आवेले ए।
सासु के देबऽ रेडिय तेल, ननद के तिसिए तेल,
गोतिन के देबऽ फुलेल तेल, हम गोतिन पाइंच ए।
सासु जे आवेली गावत, ननद बजावत हे,
गोतिन आवेली बिसमाधम मुदइया मोरे जनमऽलन,
सासु के डासबऽ खटिअवा, ननद के मचिअवा नू ए।
गोतिन के लाली पलंगिया हम गोतिन पाइंचए
4.सोने के खरउआ राजा रामचन्द्र
सोने के खरउआ राजा रामचन्द्र खुटुर-खुटुर चले नु हो।
चली गइले आमा के बोलावे-
चलहु ए आमा चलहु मोरा अंगना चलहु
मोर धनि बेदने-बेआकुल झँझिरिया धइले लोटेली हे।
नाहीं जाइब ए बबुआ नाहीं जाइब, तहरा अँगनवाँ नाहीं जाइब हे,
तहरा धनि बोलेली बिरहिया, सहल नाहीं जाला नु हो।
चलहु ए मामी चलहु, मोरे अंगना चलहु हे
मोर धनि बेदने-बेआकुल झंझरिया धरी लोटेली हे।
नाहीं जाइब ए बबुआ नाहीं जाइब, तोर धनि बोलेली
बिरही कड़कवा, मोरे हिया लागेला हे।
महतारी, भाभी के बाद बहिन के पास गए और फिर अन्त में –
लोटहु ए धनि लोटहु झंझरिया धरी लोटहु हो।
आमा के बोलेलू बिरहिया सहल नाहीं जाला नु हो।
बहिन , भाभी… के बोलेलू बिरहिया सहल नाहीं जाला नु हो।
नउजी अइहें सासु, नउजी अइहें ननदो, नउजी अइहें गोतिन, नउजी अइहें हो
प्रभुजी ओढ़ि लेब ललका रजइया सउरिया हमी लिपबऽ नु हो।
घरी रात बितले पहर रात, अउरी छने रात हे
ललना अधेराती होरिला जनमले, महलिया उठे सोहर ए
मोरा पिछुअरवा बजनिया भैया, भैया धीरे-धीरे बजवा बजइह,
ननदवा जनि जानस हे।
ललना सुनि लहली लउरी ननदिया, बेसरिया हम बधइया लेब हे,
सभवा बइठल बाबा बानी, सरब गुन आगर बानी हे,
भउजो के भइले नन्दलाल, बेसरिया हम बधइया लेब हे।
उहवाँ से बाबा उठि आवे ले, अंगना में ठारा भइले हे
बबुआ देइ घालऽ नाक के बेसरिया दुलारी धिअवा पाहुन हे।
नाक में से कढ़ली बेसरिया फुफुतिया में चोरावेली हे
इहे बेसरिया हमके बाबा दहले, बधइया तोहके नाहीं देब हे।
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5.जुग जुग जियसु ललनवा
जुग जुग जियसु ललनवा, भवनवा के भाग जागल हो
ललना लाल होइहे, कुलवा के दीपक मनवा में आस लागल हो॥
आज के दिनवा सुहावन, रतिया लुभावन हो,
ललना दिदिया के होरिला जनमले, होरिलवा बडा सुन्दर हो॥
नकिया त हवे जैसे बाबुजी के,अंखिया ह माई के हो
ललन मुहवा ह चनवा सुरुजवा त सगरो अन्जोर भइले हो॥
सासु सुहागिन बड भागिन, अन धन लुटावेली हो
ललना दुअरा पे बाजेला बधइया, अन्गनवा उठे सोहर हो॥
नाची नाची गावेली बहिनिया, ललन के खेलावेली हो
ललना हंसी हंसी टिहुकी चलावेली, रस बरसावेली हो॥
जुग जुग जियसु ललनवा, भवनवा के भाग जागल हो
ललना लाल होइहे, कुलवा के दीपक मनवा में आस लागल हो॥
6.मोरे पिछवरवा चन्दन गाछ
मोरे पिछवरवा चन्दन गाछ आवरो से चन्दन हो
रामा सुघर बडइया मारे छेवर लालन जी के पालन हो॥
रामा के गढउ खडउवा लालन जी के पालन हो,
रामा जसुमती ठाडी झुलावै लालन जी के पालन हो॥
झुलहु त लाल झुलाहु अवरो से झुलहु हो
रामा जमुना से जल भरि लाईं त झुलवा झुलाइब हो॥
जमुना पहुच न पावों घडिलवौ ना भरिलिउं हो
रामा पिछ्वा उलति जो मैं चितवुं पहल मुरली बाजल हो॥
रान परोसिन मैया मोरी अवरो बहिन मोरी हो
बहिनि छवहि दिना के भइने लाल त मुरली बजावल हो॥
चुप रहो जसुमति चुप रहो दुस्मन ज नी सुने हो
बहिनी ई हैं के कन्स के मारिहै औ गोकुला बसैहे हो॥
7.छापक पेड़ छिउलिया
छापक पेड़ छिउलिया त पतवन धन बन हो
ताहि तर ठाढ़ हरिनवा त हरिनी से पूछेले हो
चरतहीं चरत हरिनवा त हरिनी से पूछेले हो
हरिनी! की तोर चरहा झुरान कि पानी बिनु मुरझेलू हो
नाहीं मोर चरहा झुरान ना पानी बिनु मुरझींले हो
हरिना आजु राजा के छठिहार तोहे मारि डरिहें हो
मचियहीं बइठली कोसिला रानी, हरिनी अरज करे हो
रानी! मसुआ तो सींझेला रसोइया खलरिया हमें दिहितू न हो
पेड़वा से टांगबी खलरिया त मनवा समुझाइबि हो
रानी हिरि-फिरि देखबि खलरिया जनुक हरिना जिअतहिं हो
जाहू! हरिनी घर अपना खलरिया ना देइबि हो
हरिनी खलरी के खंझड़ी मढ़ाइबि राम मोरा खेलिहें नू हो
जब-जब बाजेला खंजड़िया सबद सुनि अहंकेली हो
हरिनी ठाढ़ि ढेकुलिया के नीचे हरिन बिसूरेली हो
8.मचिया ही बईठल कौशिल्या रानी
मचिया ही बईठल कौशिल्या रानी, सिहाँसन राजा दशरथ हो
राजा बिनु रे बदरी कहीं कजरी कहाँ जाई बरसेले हो
बोलिया त बोलेली रानी बोलही नाहीं पावेली हो
रानी बीनू हो ग़रभ के तिरियवा होरीला नाही जनमत सुनत सुख सोहर हो
एतना बचन रानी सुनली सुनहि नाही पावेली हो
रानी हाथे गोड़े तानेली चदरिया सुतेली कोपवाघर हो
सोने के खडौउआ राजा दशरथ केकयी महल चले
रानी तोरे बहिना बड़े रे वियोगावा त चली के मनावहु हो
एक हाथ लेली केकयी दतुअनि दुसरे हाथ पानी हो
केकयी झटकि के चढ़ेली अटरिया त बहिना मनावन हो
उठहु इ बहिना उठहु कहल मोर मानहु
बहिना उठिके करहु दतुअनिया होरिल तोरे होईहे सुनीह सुख सोहर हो
कवनाहिं मासे गंगा बढ़ियईहें सवार दहे लगिहन हो
बहिनी कवनही मासे राम जनमिहें त बचन पूरन होईहें
सावन मासे गंगा बढ़ियईहें सेवर दहे लगिहें
बहिनी कातिक मासे राम जनमिहें त बचन पूरन होईहें
बहिनी कातिक मासे राम जनमेलें त बचन पूरण भईलें
सब सखि तेल लगावेली मंगल गावेली
रानी केकयी के जीयरा भे रोग सुनीके नाहि आवेली
सोने के खड़उआँ राजा दशरथ केकयी महल चलें
रानी कवन अवगुन मोसे भईलें सुनीके नाहि आवेलू हो
ना हम तेल लगाईब ना ही मंगल गाईबी राजा हो
ब्रम्हा के बान्हल पिरितिया उलटी राउरे दिहली।
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9.रघुबर के बहिना रानी रुकुमिनी
रघुबर के बहिना रानी रुकुमिनी
चार ही भईया के बहीनीया पनिहारिनी हो
धवार बछारुआ के मूत छिटिकी परी गईले
गर्भ रही गईले हो
भईया जे बईठे जेवनरवाँ भौउजी अगिया लावेली हो
प्रभु राउर बहिनी ग़रभ जनावेली थुकीय थूक घर भरे हो
भईया बहीना बोलावेलें बगल बैठावेले
बहिना कवने बलकावा लोभईलू टी ग़रभ जनावेलू
चार ही भईया के बहीनीया बहिनि पनिहारिनी
भईया घवारे बछारुआ के मूतवा
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10.रुकुमिनी लिपी अईली पोति अईली
रुकुमिनी लिपी अईली पोति अईली छतीस दियना बारि अईली हो
आरे बीनू रे होरील के ओबरिया त झहर झहर करे
एक रे पहर रुकुमिनी सूतेली सपन एक देखेली हो
आरे पांचही आम के घवदिया खोईन्छा कहू डालेला
दूसरा पहर रुकुमिनी सूतली त सपन एक देखेली हो
आरे कोरी नदीयवा के दहिया जंगलवा कहू धईल
तीसरा पहर रुकुमिनी सूतेली सपन एक देखेली
आरे लाल बरन के घुनघुनावान सेजीयावा पर धईल
चौथा पहर रुकुमिनी सूतेली सपन एक देखेली हो
आरे सावरेन वरन के होरीलवा सेजीयवा पर खेलेला हो
11.अपने ओसरवां कोशिल्या रानी
अपने ओसरवां कोशिल्या रानी राम के उलारेली राम के दुलारेली हो
आरे उलटी उलटी राम के देखेली देखत नीक लागेला
भीखिया मांगत दुई ब्राह्मण रानी से अरज करें
रानी कवन कवन तप कईलू त राम गोदी बिहसेले
माघ ही मॉस नहईलीं अगिनी नाही तपली हो
ए ब्राह्मन जेठ नाही बेनिया दोलावली त राम गोद बिहसेलें हो
कातिक मॉस नहईलीं तुलसी दियना बरीलें हो
ए ब्राह्मन कातिक में आवलाँ के दान कईलीं त राम गोदी बिहसेलें हो
भूखल रहलीं एकादशी त द्वादशी के पारण करीं
ए ब्राह्मण भूखले में विप्र के जेववलीन त राम गोद बिहसेलें हो
12.सुतल रहनी अटरिया
सुतल रहनी अटरिया सपन एक देखिले हो
सासु सपना के कर ना बिचार सपन बड़ी सुंदर हो
जाती के रहली सुवरिया त देखत घिनावन लगे
देखत भयावन लगे हो ,
आरे आगे पीछे चलेला सायनवा त देखत सुहावन लगे हो
सासु बिचारे सपनवा कहेली सपना सुंदर हो
बहुरि टोहरे त होइहे नंदलाल माहाले उठी सोहर हो
एक मास बितले दुसर मास अवरू तीसरे मास हो
आरे नौवे मास से भाईले नंदलाल महल उठे सोहर हो
धाउ धाउ नउवा से बरिया त धगरिन बुलावहु हो
आरे बहुवरी के भाईले नंदलाल भयवधि बुलावहु
तेल सेंदुर भयवधि देवहु लड्डू फाड़े डालहू हो
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जुगे जुगे जियासु लालनवा
जुग – जुग जियसु ललनवा,
भवनवां के भाग्य जागल हो |
ललना लाल होई हैं,
कुलवा के दीपक,
मनवा में आस जागल हो ||
आजु के दिनवां सुहावन,
रतिया लुभावन हो |
ललना दिदिया के जन्में होरिलवा,
होरिलवा बड़ा सुन्दर हो ||
जुग – जुग जियसु ललनवा,
भवनवां के भाग्य जागल हो |
ललना लाल होई हैं,
कुलवा के दीपक,
मनवा में आस जागल हो ||
नकिया तो होवे जैसे बाबूजी के,
अँखियाँ तो माई के हो |
ललना मुखवा त,
चाँद सुरजवा त,
सगरो अंजोर भैले हो ||
जुग – जुग जियसु ललनवा,
भवनवां के भाग्य जागल हो |
ललना लाल होई हैं,
कुलवा के दीपक,
मनवा में आस जागल हो ||
सासू सुहागिन भागिन तो,
अनधन लुटा वेली हो |
ललना दुआरा पे बाजे बधैय्या,
आँगन उठे सोहर हो ||
जुग – जुग जियसु ललनवा,
भवनवां के भाग्य जागल हो |
ललना लाल होई हैं,
कुलवा के दीपक,
मनवा में आस जागल हो ||
नाचि – नाचि गावेली ननदिया,
तो ललन का खेला वेली हो |
ललना हसि – हसि टिहुकी चलावे,
तो रस बरसा वेली हो ||
जुग – जुग जियसु ललनवा,
भवनवां के भाग्य जागल हो |
ललना लाल होई हैं,
कुलवा के दीपक,
मनवा में आस जागल हो ||
यहाँ गीत सुने मैथिली ठाकुर का
Juge Juge Jiyasu Lalaanava in Hinglish
Jug – jug jiya su lalanwa
Bhawanwa ke bhagya jagal ho
Lalna laal hai hain
Kulwa ke deepak
Manwa mein aas jagal ho
Aaju ke dinwa suhawan
Ratiya lubhawan ho
Lalna didiya ke janme horilwa
Horilwa bada sundar ho
Jug – jug jiya su lalanwa
Bhawanwa ke bhagya jagal ho
Lalna laal hai hain
Kulwa ke deepak
Manwa mein aas jagal ho
Nakiya to howe jaise babuji ke
Aankhiya to mai ke ho
Lalna mukhwa to
Chand surajwa to
Sagron anjor bhaile ho
Jug – jug jiya su lalanwa
Bhawanwa ke bhagya jagal ho
Lalna laal hai hain
Kulwa ke deepak
Manwa mein aas jagal ho
Sasu suhagin bhagin to
Andhan luta weli ho
lalana duware pe baaje badhaiya
Aangan uthe sohar ho
Jug – jug jiya su lalanwa
Bhawanwa ke bhagya jagal
Lalna laal hai hain
Kulwa ke deepak
Manwa mein aas jagal ho
Nachi – nachi gaweli nanadiya
To lalan ka khela weli ho
Lalana hasi – hasi tihuki chalawe
To ras barsa weli ho
Jug – jug jiya su lalanwa
Bhawanwa ke bhagya jagal ho
Lalna laal hai hain
Kulwa ke deepak
Manwa mein aas jagal ho
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